धान खरीदी : सीएम साय से मिले राइस मिलर्स, धान का उठाव और कस्टम मीलिंग पर बन गई बात
धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स की लंबित मांगों पर सहमति बन गई है. सीएम विष्णुदेव साय और शासन की पहल पर यह सहमति बनी है. राइस मिलर्स धान का उठाव और कस्टम मीलिंग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं. सरकार और राइस मिलर्स के बीच सहमति बनने से अब धान के उठाव में तेजी आने की उम्मीद है.
राइस मिलर्स के साथ किसान संघ की मीटिंग
लघु उद्योग भारती और भारतीय किसान संघ के साथ राइस मिलर एसोसिएशन की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में पॉजिटिव बातचीत हुई. राइस मिलर्स ने धान खरीदी केन्द्रों से धान का नियमित रूप से उठाव करने और कस्टम मिलिंग जारी रखने का फैसला लिया. शासन की तरफ से मिलर्स के पिछले साल के बकाया राशि का जल्द भुगतान करने का भरोसा मिला. जिसके बाद मिलर्स धान के उठाव में और तेजी लाने के लिए तैयार हो गए.
राइस मिलर्स ने जताई खुशी
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जयसवाल के प्रयासों से यह बैठक हुई. इसका परिणाम यह रहा कि धान उपार्जन केन्द्रों से मिलर्स लगातार धान का उठाव करने को राजी हो गए. तेजी से कस्टम मिलिंग कर अपने-अपने हिस्से का चावल भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करने के लिए भी राइस मिलर्स तैयार हो गए.
बारिश से धान को बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री ने चक्रवाती तूफान फेंगल के कारण प्रदेश में हो रही बारिश से धान को बचाने के लिए अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। खाद्य मंत्री ने सभी कलेक्टरों को धान को बारिश से बचाने पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। खाद्य मंत्री ने कहा कि 14 नवंबर से धान खरीदी का महाअभियान चल रहा है।
अब तक 18.09 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है। 3.85 लाख किसान अपना धान बेच चुके हैं। किसानों को 3706 करोड़ 69 लाख का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख टन धान खरीदी अनुमानित है।