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मैदान ए ‘जंग’ में कांग्रेस बीजेपी से इन्हें मिलेगा मौका…लंबी है रेस…कौन बनेगा ‘मेयर’ का फेस ?

छत्तीसगढ़ में आरक्षण प्रक्रिया के बाद राज्य के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी. इस बार चुनावों में बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है. रायपुर नगर निगम भी इस बार महिला सामान्य के लिए आरक्षित किया गया है. आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद महिलाओं भी खुश नजर आईं. वहीं बिलासपुर के लिए OBC आरक्षित होने के बाद कई दावेदारों के बीच सुगबुगाहट शुरु हो गई है,

राजधानी रायुपर में कांग्रेस से महापौर के लिए थोक में पुरुष दावेदारों के नाम चल रहे थे, लेकिन अब इनको तगड़ा झटका लगा है। बावजूद इसके ये हार मानने वाले नहीं हैं। सभी दावेदार एक स्वर में अपनी पत्नियों के नाम आगे करने की बात कर रहे हैं। महापौर एजाज ढेबर का कहना है, वे महापौर हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से अपनी पत्नी अर्जुमन ढेबर के नाम की दावेदारी करेंगे। इसी तरह से प्रमोद दुबे अपनी पत्नी दीप्ति प्रमोद दुबे, कुलदीप जुनेजा अपनी पत्नी परमजीत कुलदीप जुनेजा, सतनाम पनाग अपनी पत्नी अमनदीप कौर पनाग, कन्हैया अग्रवाल अपनी पत्नी डॉ. मीनाक्षी कन्हैया अग्रवाल, कुणाल शुक्ला अपनी पत्नी प्रीति उपाध्याय के नाम से दावेदारी करने की बात कर रहे हैं।

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भाजपा में महापौर की टिकट के लिए नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का नाम सबसे प्रबल है। उनका नाम पहले रायपुर दक्षिण से विधानसभा चुनाव में दो बार चल चुका है। पहले मुख्य विधानसभा चुनाव और इसके बाद दक्षिण के उपचुनाव में भी उनकी दावेदारी थी। इसी के साथ भाजपा में अन्य दावेदारों में सरिता दुबे, विश्वदिनी पांडेय, सीमा साहू, समाज कल्याण बोर्ड में रही पूर्व पार्षद हेमलता चंद्राकर, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष शताब्दी पांडेय का नाम प्रमुख है। आने वाले समय में दावेदारों के नामों में और इजाफा होगा।

आईए जानते है कि रायपुर और बिलासपुर में कांग्रेस और भाजपा दोनो में किन नामों की होने लगी चर्चा

रायपुर निकाय के लिए कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार
किरणमई नायक का नाम पहले पायदान बर है जो वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं. पूर्व महापौर भी रही हैं उनका कार्यकाल 2026 तक है. पार्टी अगर टिकट देती है तो वह महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उम्मीदवार बन सकती हैं.
दीप्ति दुबे– पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी हैं. वह प्रमोद दुबे के साथ राजनीति में सक्रिय भी रही हैं.
राधिका नागभूषण राव– एक बार पार्षद रही हैं. उनके पति नागभूषण राव लगातार पार्षद चुने जाते रहे हैं.
निशा देवेंद्र यादव– निशा दो बार से पार्षद हैं और उनके पति देवेंद्र यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं।

रायपुर निकाय के लिए भाजपा के संभावित उम्मीदवार
मीनल चौबे जो वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष है और लगातार नगर निगम की राजनीति में सक्रिय हैं.
सीमा संतोष साहू जो दो बार की पार्षद है और भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भी हैं. ओबीसी वर्ग से आती हैं ऐसे में उनकी दावेदारी मानी जा रही है.
प्रभा दुबे जो सक्रिय संगठन की राजनीति में सक्रिय हैं. प्रभा दुबे को पार्टी ने किरणमई नायक के मुकाबले महापौर प्रत्याशी बनाया था, उनको हार का सामना करना पड़ा था.

सूबे के दूसरे सबसे बड़े नगर निगम बिलासपुर में मेयर का पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण के इस ऐलान के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों ने मेयर पद के लिए संभावित चेहरों और जीत की रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है।

आरक्षण सूची जारी होते ही यह स्पष्ट हो गया है कि किस शहर और नगर में मेयर और अध्यक्ष पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव का माहौल भी गर्म होने लगा है। बिलासपुर का मेयर पद इस बार ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। यह पहला मौका नहीं है जब बिलासपुर में मेयर का पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हुआ हो। इससे पहले भी यहां दो बार सामान्य वर्ग, दो बार ओबीसी वर्ग और एक बार सामान्य महिला के लिए यह पद आरक्षित हो चुका है।

भाजपा की ओर से मेयर पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं
पूर्व महापौर किशोर राय ….पूर्व नेता प्रतिपक्ष की पत्नी पूजा विधानी…..पूर्व महापौर विनोद सोनी…..सोमनाथ यादव….ब्लॉक अध्यक्ष शैलेन्द्र यादव…..विजय ताम्रकार ….दुर्गा सोनी के नाम प्रमुख है

कांग्रेस शहर सरकार में न होने के बावजूद यहां भी मेयर पद के लिए कई दावेदार हैं। जिनमें सबसे उपर नाम है त्रिलोक श्रीवास, जो कि कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक है विधानसभा चुनाव में बेलतरा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार थे पर उनकी जगह पार्टी ने विजय केशरवानी को वहां से टिकिट दे दी थी जिसे हार का सामना करना पड़ा था दूसरा नाम है पूर्व महापौर रामशरण यादव….पूर्व शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक……पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन…..ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू….लक्ष्मीनाथ साहू और भास्कर यादव के नाम आगे आ रहे है

छत्तीसगढ़ के नगरीय और पंचायत चुनाव की तारीखे अभी भले सामने नहीं आई हों लेकिन चुनाव की प्रक्रिया लगातार जारी है। छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगमों के मेयर, 54 नगर पालिका और 124 नगर पंचायत के अध्यक्ष का आरक्षण पूरा हो गया है। प्रदेश के 14 नगर निगम में से इस बार 5 नगर निगमों में महिला मेयर चुनीं जाएंगी। आरक्षण के बाद जो तस्वीर सामने आई उसके मुताबिक रायपुर, बीरगांव और कोरबा नगर निगम सामान्य महिला के लिए रिजर्व हो गई है। जबकि धमतरी चिरमिरी जगदलपुर और राजनांदगांव समान्य वर्ग के पुरुष के लिए लिए आरक्षित हुई है। वहीं दुर्ग, भिलाई, भिलाई चरौदा और बिलासपुर ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हुई है। इनमें दुर्ग पर ओबीसी महिला चुनाव लड़ेगी। इसी तरह SC के लिए रायगढ़ और और रिसाली सीट रिजर्व हुई है। अंबिकापुर अकेली ऐसी नगर निगम है जहां ST वर्ग से प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।

बात अगर 54 नगर पालिकाओं के आरक्षण की करें तो यहां की 18 सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई है। इनमें 3.. SC, 2.. ST, 4.. OBC और 9 सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुई है। वहीं 124 नगर पंचायतों के आरक्षण में 16 सीटें SC के लिए आरक्षित है। इनमें से 5 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। ST के लिए रिजर्व 20 सीटों में से 7 सीटों पर महिला चुनाव लड़ेंगी। OBC के लिए आरक्षित 26 सीटों में से 9 सीटों पर महिला, 62 सामान्य सीटों में से 20 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हैं।

छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव के लिए आरक्षण पूरा होने के साथ अब कांग्रेस और बीजेपी नेताओं में दावेदारी का दौर भी जल्दी शुरू हो गया है । अब टिकट की जुगाड़ के लिए नेता एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे। इसमें कोई कामयाब होगा तो किसी के हाथ निऱाशा लगेगी। रुठने मनाने का दौर भी शुरू हो जाएगा। छत्तीसगढ़ की सियासत में निकाय और पंचायत चुनाव आगे क्या रंग दिखाएंगे, ये देखना रोचक होगा।

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