रायपुर संभागछत्तीसगढ़

विश्व में पहली बार मां बगलामुखी का विशेष अनुष्ठान छत्तीसगढ़ में, विदेशों से भी आए माता के भक्त

रायपुर – ऋषि महात्माओं के देश भारत और भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही गर्व की बात है जहां मां बगलामुखी के अनुष्ठान से विश्वरिकार्ड बनने जा रहा है। विश्व में पहली बार मां बगलामुखी का विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है।

यह अनुष्ठान विशेष इसलिए भी है क्योंकि जो महायज्ञ हो रहा है उसे महायज्ञ का जो आकर है वह मां बगलामुखी के यंत्र के आकार का है। मां मातंगी दिव्य धाम के पीठाधीश्वर डॉक्टर श्री प्रेमा साई जी महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि यह बगलामुखी यंत्र नुमा यज्ञ कुंड है। सरल भाषा में आप इसे कहे तो ये बगलामुखी यंत्र ही है, फर्क महज़ इतना है कि यह यंत्र किसी धातु पर उकेरित न होकर धरती पर उकेरित किया गया है और इस यंत्र को विधिवत पद्धति से सिद्ध किया जाता है, ठीक उसी तरह इस विशाल बगलामुखी यंत्र को विधिवत पद्धति से सिद्ध किया गया इसलिए यह यज्ञकुंड विशेष है जहां एक आहुति डालने से एक लाख आहुति का फल प्राप्त होगा। यह विशेष अनुष्ठान छत्तीसगढ़ के अभनपुर के जी जामगांव में हो रहा जो कि मां मातंगी दिव्य है के नाम से विश्व विख्यात है।

मां मातंगी दिव्य धाम में होने वाले अनुष्ठान की महत्त
यह मां बगलामुखी का विशेष अनुष्ठान है। यज्ञ मां बगलामुखी सिद्ध यंत्र के आकार का हवन कुंड बनाकर किया जा रहा है, इसलिए जो भी भक्तगढ़ इस अनुष्ठान में सम्मिलित होकर मां बगलामुखी के यज्ञ में अपनी आहुति प्रवाहित करेंगे वह भक्त शत्रुनाश अकाल मृत्यु प्रेत बाधा और जो जीवन में मुश्किलें होती हैं उन सभी मुश्किलों से तत्काल छुटकारा पाकर अपने जीवन को खुशहाल और सार्थक बना पाने में सफल होंगे।

जाने क्या है, मां बगलामुखी यज्ञ?
मां बगलामुखी का यज्ञ अपने आप में महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए किया जाता है। बात करें किसी राजनेता की। किसी फ़िल्मी सितारे की। किसी व्यवसाय की। किसी पत्रकार की या फिर किसी भी स्थान में अगर आप प्रतिभागी हैं और आप उसे स्थान उसे विभाग में अपने गुप्त शत्रुओं से त्रस्त हैं तो मां बगलामुखी का मिर्ची का अनुष्ठान आपके लिए लाभप्रद एवं सार्थक होता है। जिसकी वजह यह है की हवन सामग्री में लाल मिर्च, हल्दी और सरसों का हवन सामग्री बनाकर उनकी अग्नि में आहुति दी जाती है। जिससे किसी भी व्यक्ति के गुप्त शत्रु का तत्काल नाश हो जाता है। शत्रुओं का नाश इस रूप में होता है कि जो भी व्यक्ति किसी भी दूसरे व्यक्ति के बारे में नकारात्मक विचार रखता है तो उसके विचारों क्या हनन होता है।

मां मातंगी चमत्कारी दिव्य धाम की विशेषता
मां मातंगी दिव्य धाम अपने आप में चमत्कारी और तत्काल व्यक्ति को लाभ प्रदान करने वाला देश का इकलौता चमत्कारी दिव्य धाम है। इस धाम की विशेषता इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं की धाम में अगर कोई रोते हुए आता है तो क्षण भर में वह व्यक्ति खिलखिलाते हुए मुस्कुराकर अपने जीवन में तरक्की और खुशहाली को तत्काल महसूस करना शुरू कर देता है।

विदेशों से भी आते है, मां के भक्त
बात करें इस धाम के भक्तों की तो इस धाम में विदेशों से भी भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। विश्व के कोने-कोने से यहां भक्त आते हैं और अपनी मुराद पूरी करके अपने दुखों को अपने जीवन से हटाकर अपने जीवन को खुशहाल बनाते हैं।

आप इस दिव्य चमत्कारी धाम में आएंगे तो आपको खुद ही इस बात का अंदाजा लगेगा कि यह धाम वास्तव में चमत्कारी एवं दिव्य है। बात करें भव्यता की तो यह धाम अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करता है।

प्रतिदिन इस धाम की भव्यता और इस धाम की महिमा विदेश तक फैल रही है। हम कई बार इस धाम में आए हैं और धाम में लोगों की पीड़ा को सुने हैं और फिर जब अगली बार उनसे मुलाकात हुई है तो उनके खिलखिलाते चेहरों को देखकर इस बात के एहसास हो गया कि यह धाम अपने आप में दिव्य एवं चमत्कारी है।

चमत्कारी दिव्य धाम में होने वाला मां बगलामुखी अनुष्ठान विशेष क्यों?
पूरे देश में तीन जगह ही मुख्य रूप से मां बगलामुखी की आराधना के लिए विशेष मंदिर बनाया गया है। मां कांगड़ा हिमाचल- महाभारत के युद्ध के दरमियान पांडवों ने कौरवों को हराने के लिए मां बगलामुखी की आराधना की थी जिससे खुश होकर मां बगलामुखी ने महाभारत की लड़ाई में कुरुक्षेत्र की भूमि पर पांडवों को कौरवों के खिलाफ विजय प्राप्त की थी।

नलखेड़ा में बंगलामुखी- मध्य प्रदेश में मां बगलामुखी का विशेष मंदिर नलखेड़ा में स्थित है। मां मातंगी दिव्य धाम- विश्व का एकमात्र चमत्कारी दिव्य धाम मां मातंगी दिव्य धाम है। इस दिव्य धाम में मां बगलामुखी मां मातंगी और छिन्नमस्ता देवी की आराधना एवं पूजा पाठ किया जाता है।

मां मातंगी में होने वाला मां बगलामुखी का अनुष्ठान की विशेषता
मां बगलामुखी की जो आराधना जो पूजा और जो यज्ञ इस दिव्य धाम में होता वह अपने आप में विशेष है, क्योंकि इस दिव्य धाम में प्रतिदिन करीब एक क्विंटल लाल मिर्च से हवन किया जाता है।

बन रहा विश्व रिकॉर्ड
यह मां मातंगी दिव्य धाम में जो मां बगलामुखी का विशेष अनुष्ठान हो रहा है वह विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर रहा। इसके पहले जो विश्व रिकॉर्ड था वह भी मां मातंगी दिव्य धाम के नाम पर ही था। जब 5 क्विंटल यानी की 5000 किलों लाल मिर्च के द्वारा मां बगलामुखी का विशेष अनुष्ठान किया गया था। इस बार जो की 27 तारीख से शुरू हुआ है इस अनुष्ठान में 11000 किलो लाल मिर्च से अनुष्ठान किया जा रहा है।

राजनेता और उनकी पत्नी हुए सम्मिलित
27 तारीख से चलने वाले इस दिव्य और चमत्कारी मां बगलामुखी के अनुष्ठान में राजनेताओं का आने का चक्र शुरू हो चुका है। इसी क्रम में भाजपा शासनकाल के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और उनकी पत्नी इस दिव्य महायज्ञ में सम्मिलित होकर इस दिव्य और भव्य महायज्ञ की विशेषता को महसूस किए।

जब भगवान श्री राम जी ने किया था मां बगलामुखी की आराधना
रामायण में ऐसा उल्लेख मिलता है कि जब भगवान राम और रावण में युद्ध होना प्रारंभ हुआ तो प्रारंभ में रावण अधिक बलशाली और ताकतवर महसूस हो रहा था। जब राम जी को पता चला की रावण मां बगलामुखी का सेवक है, दास है। बगलामुखी की आराधना करता है तो भगवान श्री राम ने भी मां बगलामुखी की विशेष आराधना की जिसके बाद युद्ध में रावण पराजित हुआ।

पांडवों ने भी की थी बगलामुखी की आराधना
महाभारत में भी मां बगलामुखी की आराधना का उल्लेख मिलता है जब पांडव लोगों को इस बात का आभास हुआ कि हमारी संख्या कम है गौरव हमसे अधिक बलशाली हैं तो पांडवों ने मां बगलामुखी की विशेष आराधना की थी।

यह अनुष्ठान मुस्लिम देश में दिला रहा सम्मान
मां बगलामुखी का यह अनुष्ठान जो कि 27 जनवरी से शुरू हुआ है जो कि विश्व रिकॉर्ड कायम कर रहा है। इस वजह से मुस्लिम देश दुबई में 19 फरवरी को दुबई के अटलांटिस द पॉम जुमैरा विशेष सम्मान से मां मातंगी दिव्यधाम और इस धाम के पीठाधीश्वर डॉक्टर श्री प्रेमसाई जी महाराज को भी सम्मानित किया जा रहा है।

प्रेमा साई जी महाराज को मिली डॉक्टरेट की उपाधि
मां मातंगी दिव्य धाम के पीठाधीश्वर प्रेमा साई जी महाराज को सामाजिक उत्थान एवं दीन दुखियों की सेवा के लिए अमेरिका की सिडरब्रुक यूनिवर्सिटी के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। जिसके आगामी महीने में लंदन के संसद में सम्मानित किया जाएगा।

पीएम मोदी की कुल देवी है, मां मातंगी
मां मातंगी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की भी कुलदेवी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बराबर मां मातंगी की पूजा के लिए गुजरात के मंदिर में जाते हैं। मोढेरा गांव स्थित श्री मातंगी (Matangi ) मोढेश्वरी (Modheswari) माता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके परिवार की कुलदेवी हैं।

मां मातंगी दिव्यधाम का पर्चा करता चमत्कार है
मां मातंगी दिव्य धाम अपने आप में दिव्य एवं चमत्कारी है। जहां बागेश्वर दिव्य धाम की तरह लोगों का पर्चा बनता इस पर्चे की महत्ता एवं खासियत इस लिए है क्योंकि इस मां मातंगी दिव्य धाम में इस धाम के पीठाधीश्वर डॉक्टर श्री प्रेमा साई जी महाराज जी इस धाम में आए भक्तों की समस्या को बिना बताए बस देखकर ही बता देते और एक त्रिकालदर्शी पर्चा बनाते जहां भक्तों के जीवनकाल से जुड़ी हुई समस्त बातों को इस पर्चे में उल्लेख कर देते। इस पर्चे की विशेषता यह है कि इस पर्चे में समस्या के साथ साथ समाधान का भी जिक्र किया जाता है। इस धाम में जो भी भक्त आते उसकी सभी मुराद पूरी होती है।

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