नक्सल मुद्दे पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दो फाड़ !…पीसीसी चीफ है खफा ?

नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बड़ा ऑपरेशन चल रहा है छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर है। भारत की केंद्र और प्रदेश की राज्य सरकार मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ और देश से नक्सलवाद खत्म कर देना चाहती है। इस मिशन में पहली कामयाबी के रुप में सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव को देखा जा रहा है जो अब पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो गया है। छत्तीसगढ़ में हाल के दिनों में विपक्षी नेताओं ने, सत्तापक्ष की खुलकर तारीफ की जिसपर सियासी गलियारे में एक नई बहस छिड़ गई है। नक्सल जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर विपक्ष के नेता भी इसे भांपकर समय समय पर सरकार को समर्थन जताते हैं । छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और डिप्टी CM विजय शर्मा ने नक्सलवाद के खिलाफ, सरकार का समर्थन जताने वाले बयान देने पर, कांग्रेस नेताओं को फोन कर उनकी सराहना की और उनकी अनुमति लेकर उनसे हुई बातचीत को सोशल मीडिया में शेयर भी किया लेकिन तारीफों का ये दौर, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई नेताओं के पेट में मरोड़ पैदा करने लगा । अपने सीनियर नेताओं के मुंह से भाजपा सरकार की तारीफ उन्हें रास नहीं आ रही है, अब इसी मसले को लेकर PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि गृहमंत्री उन्हें सीधे फोन क्यों नहीं करते उन्होने गृहमंत्री को फोन करने की चुनौती तक दे डाली
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2023 में साय सरकार बनने के बाद से, केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदेश सरकार के साथ मिलकर, प्राथमिकता से पूरी ताकत लगाकर एंटी नक्सल ऑपरेशन छेड़ दिया। अकेले 2025 में ही 300 से ज्यादा नक्सिलों को ढेर किया गया, सैंकड़ों गिरफ्तार हुए, उससे अधिक ने सरेंडर किया
इसी ताबड़तोड़ एक्शन और नतीजे पर विपक्षी नेताओं ने साय सरकार का समर्थन करते हुए वक्त-वक्त पर तारीफ कर दी। पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने नक्सिलयों को रावण बताते हुए बीजेपी सरकार को राम की तरह बताया, फिर वरिष्ठ कांग्रेसी सुरेंद्र शर्मा ने गृहमंत्री विजय शर्मा से फोन पर बात कर नक्सल मोर्चे पर कामयाबी की तारीफ की और अब पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने भी गृहमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर सरकार के एक्शन को सराहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव भी नक्सलवाद पर राज्य सरकार के साथ हैं, लेकिन ये समर्थन, ये तारीफ पीसीसी चीफ दीपक बैज को रास नहीं आई है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कभी डिप्टी सीएम विजय शर्मा उन्हें भी कॉल करें तो वो सरकार के कामों की हकीकत बताएंगे।
छत्तीसगढ़ तेलंगाना बार्डर में सालों से फल फूल रहे नक्सलियों की इस बार शामत आ गई है, चारों तरफ ले घिरने के बाद उनके हाथ पैर फूलनें लगे है, हजारों की संख्या में जवान अब उन्हें पूरी तरह नेस्ता नाबूत करने के मुहाने पर खड़ी है, ऐसे में वे छटपटा रहे है,अपने तमाम चाहने वालों से मध्यस्थता जैसे बीच का कोई उपाय निकालने की जुगत में है, शांति वार्ता के प्रस्ताव पर अमित शाह की तरफ से रत्तीभर का रिस्पांस नहीं मिलने के बाद उन्हें गहरा आघात लगा है, अब छत्तीसगढ़ के सीएम और गृहमंत्री भी कहने लगे है कि अब बातचीत के सारे रास्तें लगभग बंद है ऐसे में खौफ खाए नक्सलियों को अब उन्हें समझ आने लगा कि सरकार इस दफे फुल मुड में है, उनका काम तमाम होने में ज्यादा समय नहीं बचा है सो तेलंगाना के पूर्व सीएम ले लेकर कई संगठनों के माध्यम से शांतिवार्ता का रह रह कर प्रस्ताव भेजवा रहें है पर सरकार की मनोदशा अब साफ साफ समझ आती है वे इस नासूर को अब हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराने पर अमादा है साफ है कि छत्तीसगढ़ में पिछले कई दशकों से जारी नक्सलवाद का अंत दिखने लगा है। खुलकर स्वीकार करें ना करें लेकिन विपक्ष के नेता भी मान चले हैं कि, नक्सलवाद पर सरकार की नीति और एंटी नक्सल ऑपरेशन सही दिशा में हैं, लेकिन क्या इसे सीधे-सीधे स्वीकारना, कांग्रेस की ऑफिशियल लाइन से अलग जाना है। क्या इससे पार्टी को कोई नुकसान होगा?