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माओवादियों के समर्थकों से बात करने पर बोले डिप्टी सीएम ‘राहुल गांधी घोप रहे देश की पीठ में छुरा’

माओवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सशस्त्र माओवादी समूहों के समर्थकों से मुलाकात की है। इसको लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि माओवादियों के बिचौलिए से बात कर राहुल देश की पीठ में छुरा मारने का काम कर रहे हैं।

जगदलपुर प्रवास पर पहुंचे गृहमंत्री ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि माओवाद और आतंकवाद को लेकर राहुल गांधी की सोच सही नहीं है। एक ओर जहां मोदी सरकार माओवाद समर्थित आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है, ऐसे समय में राहुल गांधी का माओवादियों के समर्थकों से मुलाकात करना सिद्ध करता है कि माओवादियों को कांग्रेस का श्रय है।

तेलंगाना की मंत्री को बुलाया गया था
राहुल गांधी की ऐसी ही सोच तब भी देखने को मिली थी, जब छत्तीसगढ़ ने बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह में माओवादियों को मुख्यधारा में लाने का संदेश देने माओवादी से तेलंगाना की मंत्री बनी सीतक्का मुलुगु को आमंत्रित किया गया था। तब राहुल गांधी ने सीतक्का को समापन समारोह में जाने से मना कर दिया था। अब तेलंगाना कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी माओवादी समर्थकों से मिलकर माओवादियों के भाषा में बात कर रहे हैं।

15 महीने में 440 से ज्यादा माओवादी मार गिराए गए
ऑपरेशन कागर के तहत सीपीआई (माओवादी) कैडरों को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पिछले 15 माह में छत्तीसगढ़ की डबल इंजन की सरकार ने 447 माओवादियों को मार गिराया गया है। इसके साथ ही 1200 से अधिक माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं व इतने ही संख्या में माओवादियों के समर्पण से माओवादी आंदोलन को तगड़ा झटका लगा है।

इस बीच तथाकथित कोआर्डिनेशन कमेटी फॉर पीस (सीसीपी) माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष विराम के लिए कांग्रेस का समर्थन हासिल करने की कोशिश में है। सीपीपी का गठन हाल ही में केंद्र सरकार और सीपीआई माओवादियों के बीच वार्ता शुरु करने के उद्देश्य से किया गया।

तेलंगाना ग्रेहाउंड फोर्स के 5 जवान आईईडी धमाके में शहीद, 10 माओवादियों को भी मार गिरायातेलंगाना ग्रेहाउंड फोर्स के 5 जवान आईईडी धमाके में शहीद, 10 माओवादियों को भी मार गिराया नौ मई को दिल्ली में सीसीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस समूह ने आरोप लगाया कि सरकार माओवाद-विरोधी कार्रवाइयों में आदिवासी समुदायों को निशाना बना रही हैं। उन्होंने राहुल गांधी से विपक्ष के नेता के रूप में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। साथ ही, यह भी सुझाव दिया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार संघर्ष विराम को बढ़ावा दे ताकि शांति वार्ता हो सके। जानकारी के अनुसार, राहुल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर विचार करेंगे।

राहुल से मिलने वाले प्रतिनिधमंडल में कविता श्रीवास्तव पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिब्रिटिज़) , शांति वार्ता समिति से जुड़े रिटायर्ड प्रो. जी. हरगोपाल, रिटायर्ड जस्टिस चंद्र कुमार, भारत बचाओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एमएफ गोपीनाथ, झारखंड जन अधिकार महासभा के दिनेश मुर्मु और लेखिका मीना कंडास्वामी शामिल थे।

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