“10 का सिक्का नहीं चलता” अब यह कहना राजधानी वासियों को पहुंचा सकता है सलाखों के पीछे
राजधानी रायपुर के बाजार में पिछले कई सालों से 10 रु के सिक्के को शायद भारतीय मुद्रा नहीं माना जाता, यह इसलिए की कोई भी दुकानदार इस सिक्के लो लेने से इंकार कर देता है जबकी प्रदेश के दूसरे इलाका में 10 का सिक्का आराम से चल जाता है अब इस मामले पर रायपुर जिला प्रशासन सख्त रुख अपना सकता है। रायपुर के कलेक्टर ने कहा है कि अगर कोई RBI की जारी मुद्रा को लेने से इनकार करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
राजधानी में करीब पांच-छ: साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद है। इन सालों में अब तक प्रशासन की ओर से किसी भी कारोबारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रायपुर में RBI का स्टेट ऑफिस है, वहां के अफसरों को भी इस बात की जानकारी मिलती रही मगर उन्होंने भी कुछ नहीं किया।
कलेक्टर ने कहा दर्ज होगा केस
रायपुर के कलेक्टर डॉ सर्वेशर भूरे सोमवार को आम लोगों से मुलाकात कर रहे थे। इसी बीच लाखे नगर निवासी डॉ जितेंद्र सोनकर ने 10 रुपये के सिक्के को बाजार में मान्य करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया इस पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने रायपुर जिले के निवासियों एवं व्यापारियों से अपील की है कि 10 रूपये के सिक्के को लेने से इंकार ना करें। अगर कोई भी व्यक्ति रिजर्व बैंक ऑफ इडिया द्वारा जारी किए गए सिक्कों को नही लेता है ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के ऊपर मामला दर्ज कराया जा सकता है।
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