सादगी ऐसी की लुंगी पहनकर पद्मश्री लेने पहुंच गए छत्तीसगढ़ के पंडीराम

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की 68 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया. वहीं छत्तीसगढ़ के कलाकार पंडी राम मंडावी को भी पद्मश्री पुरस्कार दिया गया. इस दौरान पंडी राम मंडावी लुंगी पहनकर पुरस्कार लेने पहुंचे. जिसने सबका ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लिय़ा.
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लुंगी पहने पद्मश्री पुरस्कार लेने पहुंचे पंडी राम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंडी राम मंडावी को कला के क्षेत्र में उनके खास योगदान के लिए पद्मश्री से नावाजा गया. पंडी राम मंडावी ने सादगी और पारंपरिक पहनावे से सभी का दिल जीत लिया. हाफ नीली लुंगी, सफेद कमीज़ और सिर पर पारंपरिक पगड़ी पहनकर जब पंडी प्रेसिडेंट के सामने अवार्ड लेने पहुंचे, तो हर किसी की नज़र उन्हीं पर टिक गई. वहीं उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं.
कौन हैं पंडीराम मंडावी?
पंडी राम मंडावी, नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के जाने-माने कलाकार हैं. इनकी विशेष पहचान बांस की बस्तर बांसुरी, जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है, के निर्माण में है. इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी कला को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है.
पंडी राम मंडावी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने समर्पण व कौशल के दम पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. सिर्फ इतना ही नहीं एक सांस्कृतिक दूत के रूप में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन 8 से अधिक देशों में किया है. साथ ही, अपने कार्यशाला के जरिए 1,000 से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य किया है.
कल जब राष्ट्रपति भवन में एक इकहरे बदन वाला इंसान खड़ा हुआ तो सभी निगाह उसी पर जाकर ठिठक गई. बदन पर सदरी और सिर पर मुंडासा और लुंगी पहन जब एक शख्स लोगों के सामने आया तो पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उन्हें देख मशहूर आयरिश राइटर की वो लाइनें याद गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि कला जीवन की नकल नहीं करती, बल्कि जीवन कला की नकल करता है. कुछ ऐसा ही तब महसूस हुआ जब राष्ट्रपति पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरुस्कार से नवाज रही थीं. इस दौरान जैसे ही पंडी राम मंडावी का नाम सभागार में लिया गया तो सबका ध्यान उन्हीं पर चला गया. उनका पहनावा इस शानदार कलाकार की सादगी को बयां कर रहा था. पंडी राम मंडावी जब सभागार में पद्मश्री लेने पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने सामने बैठे पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जयशंकर समेत तमाम मौजूद लोगों को प्रणाम किया.
पंडी राम मंडावी को किसलिए मिला पद्मश्री
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंडी राम मंडावी को कला के क्षेत्र में उनके खास योगदान के लिए पद्मश्री से नावाजा. मंडावी मुरिया वुड कला में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं जो एक महत्वपूर्ण आदिवासी कला है. वे सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक बन गए, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कलाकारों की युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए ज्ञान और साधन दोनों से लैस किया जाए. उन्होंने विभिन्न संग्रहालयों और इसी तरह के अन्य संस्थानों में कई प्रदर्शनी तैयारियों और प्रतिष्ठानों का सह-संचालन किया है.