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कैबिनेट विस्तार से पहले तीन मंत्रियों को अंतिम चेतावनी, विधायकों को हिदायत धरातल में ही रहें, हवा में न उड़े

छत्तीसगढ़ के बीजेपी मुख्यालय में कल याने बुधवार को दिनभर मीटिंग का दौर चला । राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल ने मंत्रियों और विधायकों की सियासी क्लास ली। यह बैठक करीब 2 घंटे चली। संगठन के पदाधिकारियों ने राज्य के करीब 8 मंत्रियों के साथ वन टू वन किया। माना जा रहा है कि सभी मंत्रियों ने संगठन के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रखा है। इसके बाद सीएम शाम को दोबारा बीजेपी ऑफिस पहुंचे
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राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने बारी- बारी से मंत्रियों को अपने कक्ष में बुलाकर वन टू वन चर्चा कर परफार्मेंस ऑडिट की। इस दौरान मंत्रियों से उनके कामकाज की रिपोर्ट ली गई। साथ ही उनके खिलाफ आ रही शिकायतों पर भी जवाब तलब किया गया..। बताया जा रहा है कि शिव प्रकाश और नितिन नबीन की क्लास में कुछ मंत्रियों को फटकार भी लगी है..। उनको परफार्मेंस सुधारने की नसीहत भी दी गई है।

CM साय शाम को दोबारा बीजेपी ऑफिस पहुंचे थे। विधायक, मंत्रियों के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस चर्चा में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रभारी नितिन नबीन मौजूद थे इस दौरान कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है। हालांकि मीटिंग में क्या फैसले लिए गए हैं या फिर क्या रणनीति बनी है इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

मंत्रियों के साथ संगठन की इस मैराथन बैठक को मंत्रिमंडल में फेरबदल से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अब बात यह निकल कर आ रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही राज्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार होगा। दरअसल, प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मंत्रियों से दो बार वन टू वन बातचीत हुई। पहले क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने मंत्रियों से बात की। इसके बाद शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने मंत्रियों के साथ वन टू वन मीटिंग की।

राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से साय मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर लगातार संगठन के पास शिकायतें पहुंच रही थीं…। शिकायत करने वालों में कार्यकर्ता भी शामिल हैं। जिनकी आम शिकायत यह थी कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी उनकी पूछ परख नहीं है। कुछ मंत्री मिलने तक का समय नहीं देते। दूसरी तरफ, कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण देने के भी आरोप लग रहे थे…। इससे सरकार की छवि पर असर पड़ रहा था। इसे देखते हुए संगठन ने मंत्रियों की परफार्मेंस ऑडिट के जरिए उनको सख्त चेतावनी दी है।

इस बैठक के बाद फिर से छत्तीसगढ़ में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी .। लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर सीएम साय साफ तौर पर कह चुके है कि समय आने पर इसकी जानकारी दे दी जाएगी..फिलहाल राज्य में दो और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है….। मींटिग के बाद लगभग इस्प्ष्ट हो गया है की साय मंत्रीमंडल विस्तार के लिए अभी इंतजार करना होगा ..कहा जा रहा है की राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही राज्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार होगा।

बंद कमरे की बैठक के बाद बाहर निकलने वाले मंत्रियों के चेहरों पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नजरें टिकी थीं। भाजपा कार्यालय में चर्चा थी कि तीन मंत्रियों के चेहरे बैठक के बाद उतरे हुए नजर आए। एक मंत्री को प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सांत्वना देते दिखे, जिसने इन चर्चाओं को और हवा दी। मंत्रियों के साथ बैठक से पहले विधायकों की बैठक में भी संगठन ने सख्ती दिखाई। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने विधायकों को बिना जानकारी के बयानबाजी से बचने की हिदायत दी। उन्होंने दो टूक कहा कि बेतुके बयानों से संगठन और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचता है, इसलिए विधायकों को अपनी बात कहने से पहले विषय की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। भाजपा संगठन का यह कड़ा रुख मंत्रियों और विधायकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब प्रदर्शन और अनुशासन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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