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दिल्ली से रिमोट पर चल रही है छत्तीसगढ़ की साय सरकार – सचिन पायलट

राजधानी रायपुर में आज एआईसीसी राष्ट्रीय सचिवगण एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति में प्रदेश कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक की गई। आज रायपुर राजीव भवन में एआईसीसी महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की अध्यक्षता में, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, एआईसीसी राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव भी मौजूद रहे।

सचिन पायलट ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार झूठे प्रचार और फ़र्ज़ी आँकड़ों में सिमट चुकी है, धरातल पर जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को बुलाकर बड़े-बड़े आयोजन करने के अलावा इस सरकार ने डेढ़ साल में कुछ नहीं किया। सरकार केवल दिल्ली के इशारों पर अपने उद्योगपति मित्रों को फ़ायदा पहुँचाने और राजनीति करने में ध्यान दे रही है, जनता से इनका कोई सरोकार नहीं है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार का रिमोट दिल्ली में है, भाजपा छत्तीसगढ़ में हर मोर्चे पर फेल है
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पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग में और क्या हुआ?
बैठक में सीनियर नेताओं ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि, उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। जबकि सीनियर नेताओं के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए। सचिन पायलट ने रायपुर में कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था लचर हो गई है। ऐसा लगता है कि यहां दिल्ली से सबकुछ मैनेज हो रहा, रायपुर का नियंत्रण कम है। जिन्हें शासन चलाने के लिए जनता से आशीर्वाद मिला है, वो भी हर निर्णय के लिए दिल्ली की ओर देख रहे हैं।

पायलट ने अमित शाह के नक्सलियों को ‘सोने नहीं देंगे’ वाले बयान पर कहा कि हम हिंसा के खिलाफ हैं, लेकिन कार्रवाई पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से होनी चाहिए। आंतरिक सुरक्षा का विषय है इसलिए, सबको विश्वास में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

अब तक के कार्यों की रिपोर्ट ली जाएगी- पायलट
इससे पहले रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने सदन में प्रभावशाली तरीके से मुद्दे उठाए हैं। अब पार्टी राज्य के प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा करेगी। पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और संगठन के प्रमुख विभागों की बैठकें होंगी।

पायलट ने बताया कि अब तक के कार्यों की रिपोर्ट ली जाएगी और 2025 के लिए संगठन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस साल को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठन के लिए समर्पित किया है। बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन में जो बदलाव जरूरी हैं, उन पर चर्चा होगी।

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