Chhattisgarh : मैनपाट के मास्टर क्लास में किसकी लगी क्लास ?

अंबिकापुर के मैनपाट में चल रहे बीजेपी का प्रशिक्षण शिविर खत्म हो चुका है। मैनपाट में 3 दिनों तक जनता के चुने हुए भाजपा नेता याने सांसद और विधायक इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल रहे। शिविर में सरकार के सभी मंत्री, सांसद और विधायकों ने संगठन के बड़े नेताओं के व्याख्यान को सुना। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, शिव प्रकाश, विनोद तावड़े और वी सतीश जैसे नेताओं की क्लास इन छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों ने अटेंड की। शिविर में नेताओं को खास नसीहत दी गई। एक व्यवहार ठीक रखे दूसरा भ्रष्टाचार से दूर रहे। जेपी नड्डा खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
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मास्टर क्लास के दौरान संगठन के नेताओं का फोकस इस बात पर था कि नेता ज्यादा से ज्यादा जनता से जुड़ें जनता की तकलीफों को फील्ड में जा कर समझे और उसे दूर करे । जनता के बीच उनका व्यवहार सालीन हो जिससे उनका विश्वास पार्टी के प्रति बढ़े । भ्रष्टाचार को लेकर भी खूब चर्चा हुई क्लास में बताया गया कि भ्रष्टाचार की वजह से सरकार और पार्टी दोनों की छवि बिगड़ती है। इसे लेकर भी बेहद ध्यान से व्यवहार करने के निर्देश सांसद विधायकों दिए गए ।
क्लास में विधायकों और सांसदो को सोशल मीडिया में एक्टिव रहने व अपनी व पार्टी की छबि सुधारने के टिप्स भी दिए गए साथ ही कहा गया कि विपक्ष को जनता से जुड़े मुद्दों पर आक्रामक तरीके से घेरना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह दी गई, माननीयों को केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक फायदा मिले इसकी भी जिम्मेदारी दी गई है। नेताओं को यह भी नसीहत दी गई है कि अच्छा काम नहीं किया तो जिम्मेदारी से हटा दिए जाएंगे, कार्रवाई भी होगी। हालांकि इसका पैमाना क्या होगा यह नहीं बताया गया
संगठन के नेताओं का फोकस इस बात पर था कि नेता ज्यादा से ज्यादा जनता से जुड़ें। जनता के बीच उनका व्यवहार ऐसा हो कि लोग भारतीय जनता पार्टी से कनेक्ट रहें। भ्रष्टाचार की वजह से सरकार और पार्टी दोनों की छवि बिगड़ती है। इसे लेकर भी बेहद ध्यान से व्यवहार करने के निर्देश सांसद विधायकों को मिले हैं। यह भी बताया गया कि विपक्ष को जनता से जुड़े मुद्दों पर आक्रामक तरीके से घेरना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह मिली है।
अलग-अलग सेशन में बार-बार बड़े नेता इस बात को दोहराते हुए नजर आए कि सरकार और पार्टी की छवि जनता के बीच बेहतर बने। छत्तीसगढ़ सरकार काम करती हुई सरकार दिखाई दे, विपक्ष को किसी बात का मुद्दा बनाने का अवसर न मिले, सरकार का एक्शन प्रभावी ढंग से जनता के बीच जाए। साथ ही नेताओं की हिदायत दी गई की ठेकेदारों से ज्यादा दोस्ती ठीक नहीं उनके साथ बस काम से काम रखे, जेपी नड्डा ने साफ शब्दों में कहा है पार्टी को घपले घोटाले में अपने नेता न फंसे इसकी चिंता है, ऐसी शिकायतें न उनके तक न पहुंचे तो बेहतर वर्ना इसका अंजाम उन्हें भुगतना होगा नड्डा ने कहा कि ऐसी किसी भी शिकायत की मानिटरिंग ने खुद करेंगे
शिक्षण शिविर में देश के गृहमंत्री अमित शाह को भी आना था। मगर ठीक एक दिन पहले खबर आई कि वो नहीं आएंगे। दूसरे कार्यक्रमों की व्यस्तता की वजह से शाह के न आने की बात सामने आई। मगर इस बीच दिल्ली में प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका की शाह से मुलाकात हुई। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने पोस्ट किया और लिखा- दाल में कुछ काला नहीं पूरी दाल काली है! राज्यपाल मान. रमन डेका जी लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं जोकि सरकार की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है। नई दिल्ली में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और आज अमित शाह का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जो कि मैनपाट में आयोजित भाजपा की प्रशिक्षण शिविर में शामिल होना था, उसे रद्द कर दिया। आखिर राज्यपाल ने ऐसा क्या फीडबैक दिया, जिसके चलते गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ भाजपा का निमंत्रण ठुकरा दिया?
शिविर या कहे मास्टर क्लास के दौरान मैनपाट में कुछ विधायक वीडियो रील बनाते बनवाते और तस्वीर भी खिंचवाते दिखे, इस पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा कि आखिर तीन दिनों तक पूरी सरकार मैनपाट में क्यों रही ? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्री और विधायकों को ठेकेदारों और भ्रष्ट लोगों से दूर रहने की जो हिदायत दी है वह सिर्फ राजनीतिक नौटंकी है भाजपा सरकार से त्रस्त जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। बैज ने कहा जब नड्डा को पता है कि उनके मंत्री और विधायक ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं, कमीशन और भ्रष्टाचार की काली कमाई में भाजपा के मंत्री विधायकों की हिस्सेदारी है। ऐसे में वह भ्रष्ट मंत्री और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं? भाजपा की सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, कोई भी काम बिना लेनदेन के होता नहीं है। इन्हें अब तक पद से क्यों नहीं हटाया गया?
बहरहाल विधायक और सांसद प्रशिक्षण शिविर से अपने अपने ठिकाने में लौट चूके है वे कह रहे है कि तीन दिनों के इस शिविर में प्रशिक्षण पा कर उनमें काम करने का नया जोश और आत्मविश्वास पैदा हुआ है अब वे दुगने जोश से जनता के बीच उनकी समस्याए हल करने उतरेंगे, इधर आम जन इस बात से नाराज दिखे की बारिश में गली मोहल्ले पानी पानी हो गया है लोगो का जीना दुभर हो गया है, स्कूलों की दुर्दशा हो गई है, खाद न मिलने से किसान नाराज है ऐसे में नेता गण शिविर के नाम पर ऐस काट रहे है, फिलहाल इस शिविर का फायदा नेताओं को और आम जनता को कितना मिलेगा इसे देखना होगा