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तोमर बंधुओं पर कार्रवाई को लेकर बोले गृहमंत्री: ‘विष्णु सरकार में सुशासन भी है और सुदर्शन चक्र

रायपुर। फरार तोमर बंधुओं के ऑफिस पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ने उन सभी हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों को नसीहत दी है। जो, कार्यक्रमों में मंत्री-विधायकों, सांसदों के साथ फोटो खिंचवाकर वसूली और अवैध काम करते हैं। गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि “विष्णु सरकार में सुशासन है तो सुदर्शन चक्र भी”।

तस्वीर खींचने से कोई कानून से बड़ा नहीं हो जाता
बता दें कि पुलिस की जांच में यह भी सामने आया था कि तोमर बंधु मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों और तमाम नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाकर लोगों को धमकी देता था।
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पत्नी भावना तोमर को किया गया था गिरफ्तार
10 दिन पहले रोहित सिंह तोमर की पत्नी भावना तोमर को रायपुर की पुरानी बस्ती पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ताकि फरार रोहित और वीरेंद्र दोनों भाइयों का सुराग मिल सके। भावना शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की संचालिका थी। वह कंपनी के नाम से जमीन की खरीदी-बिक्री करती थी। उस पर आरोप है कि उसने 3 लाख रुपए की उधारी देकर एक जगुआर कार (कीमत लगभग 15 लाख) गिरवी रखी। पीड़ित से 5 लाख वसूलने के बावजूद 10 लाख की मांग करती रही। पुलिस ने जगुआर कार, 2 मोबाइल और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। दरअसल, रायपुर पुलिस को इनपुट मिला था कि भावना तोमर अपने पति के संपर्क में है। जिसके बाद मंगलवार को पुलिस ने भावना को गिरफ्तार किया।

तोमर ब्रदर्स की नहीं थी लग्जरी कार
जांच में खुलासा हुआ कि कार तोमर ब्रदर्स की नहीं है। गाड़ी का असल मालिक भिलाई का रहने वाला मनोज कुमार वर्मा है। मनोज वर्मा ने तोमर बंधुओं से 5 साल पहले 3 लाख रुपए उधार लिए थे। जिसके एवज में कार गिरवी रखी थी। मनोज वर्मा 5 लाख लौटा चुका था, तब भी तोमर बंधु उसे कार वापस नहीं कर रहे थे।

तोमर ब्रदर्स पर ब्लैकमेलिंग, अवैध वसूली के केस
बता दें कि बड़े भाई वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर पर सूदखोरी, धमकी, ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली से जुड़े 6 से ज्यादा केस दर्ज हैं। रोहित सिंह तोमर और वीरेंद्र सिंह तोमर महीनेभर से ज्यादा समय से फरार हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाशी के लिए कई राज्यों में टीम भी भेजी थी, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

तोमर बंधुओं को फरार घोषित करते उद्घोषणा जारी
18 जुलाई को तोमर बंधुओं को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन दोनों कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी पर वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर को फरार घोषित करते हुए उद्घोषणा (Proclamation Notice) जारी की है।

निगरानी गुंडा बदमाश की लिस्ट में रोहित तोमर
सूदखोर रोहित तोमर निगरानी गुंडा बदमाश है। आरोपी के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है। सूदखोर रोहित गोल्डन मैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह के साथ समय-समय पर कार्यक्रमों में भी दिखता था।

कर्ज देकर ज्यादा ब्याज पर वसूलते थे पैसे
हिस्ट्रीशीटर तोमर भाइयों के कई लोग शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों को इस कदर था कि उनके शहर में रहते हुए शिकायत देने नहीं पहुंच रहे थे। पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर जब से कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ित थाने पहुंच रहे हैं। इसके पहले पुरानी बस्ती थाना में नारायणपुर जिले के पीड़ित ने आरोपी रोहित तोमर के खिलाफ एक पीड़ित ने शिकायत की थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि, उसने 10 लाख रुपए कर्ज लिया था और ब्याज सहित 1 करोड़ 10 लाख रुपए दिए।

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