खरमास समाप्त होते ही फिर से बजने लगी शहनाई : इस साल 59 दिन विवाह के मुहूर्त, 13 महीने का होगा साल 2023, मलमास के कारण त्योहार भी देरी से आएंगे
केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | खरमास समाप्त होते ही मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट गई। बीते दिसंबर माह के बीच में इस पर ब्रेक लग गई थी। जो मकर संक्रांति के बाद फिर से शुरू हो गई। हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन समाप्त हुआ। 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो गया है। उल्लेखनीय है कि, विवाह के लिए बीते 15 दिसंबर आखिरी मुहूर्त था। यानी 16 दिसंबर से शादियों पर ब्रेक लग गया था। एक माह के बाद 15 जनवरी से फिर से शहनाई बजना शुरू हो गया है। 15 जनवरी से वैवाहिक कार्यों के अलावा, गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन संस्कार सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो गए। सूर्य देव ने मकर राशि में प्रवेश किया जिससे मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। इसके साथ ही एक माह से चल रहा खरमास भी समाप्त हो गया। इसके बाद सभी धार्मिक एवं मांगलिक कार्य फिर से शुरु हो गया है। खरमास 14 जनवरी को समाप्त हुआ। जिसके बाद 15 जनवरी से शहनाई की गूंज सुनाई देने लगी है। ज्योतिषियों के अनुसार इस साल 59 दिन विवाह के मुहूर्त है। ज्योतिषि पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि, साल 2023 में पांच अनबूझ मुहूर्त है। साथ ही 54 शुभ मुहूर्त इस साल पड़ रहे हैं।
इस बार 13 महीने का होगा साल 2023
इस साल कुल 13 महीने होंगे। इस बार अधिक मास यानी पुरुषोत्तम मास होने से एक माह अतिरिक्त पड़ रहा है। 19 साल बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। इतना ही नहीं इस बार सावन में आठ सोमवार होगें। यानी सावन में अधिकमास यानी मलमास है। इस बार सावन 60 दिन का होगा। हिन्दू शास्त्र के मुताबिक, तीन साल में एक बार मलमास आता है। शिव भक्तों को अपने आराध्य का अभिषेक करने के लिए इस बार आठ सोमवार मिलेंगे। वहीं अधिकमास के कारण इस बार सभी प्रमुख त्योहार भी देरी से आएंगे।
साल 2023 में विवाह के लिए यह है मुहूर्त
—- अनबूझ मुहूर्त की तिथियां-
बसंत पंचमी- 26 जनवरी
फुलेेरा दोज- 21 फरवरी
अक्षय तृतीया- 22 अप्रैल
भडरिया नौवी- 27 जून
देवोत्थान एकदाशी- 23 नवंबर
—- शुभ मुहूर्त की तिथियां-
जनवरी में- 7,
फरवरी में- 10,
मार्च में- 1,
मई में- 14,
जून में- 13,
नवंबर में- 4,
दिसंबर में- 5,