‘चौबे का पार्टी हित से कभी नहीं रहा वास्ता, रमन सिंह से वसूलते थे लेवी’…..वरिष्ठ कांग्रेसी ने खड़गे को लिखी चिट्ठी

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ अब बस्तर के वरिष्ठ कांग्रेसी आवाज उठाने लगे हैं। बस्तर संभाग के वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमाशंकर शुक्ला ने चौबे के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजकर तत्काल एक्शन लेने की मांग की है।
उमाशंकर शुक्ला ने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को लेकर रविंद्र चौबे द्वारा की जा रही बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शुक्ला ने कहा है कि रविंद्र चौबे दुर्ग जिले के साजा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और भूपेश बघेल की सरकार में कृषि एवं पशु धन विकास मंत्री रहे। वर्ष 2008 से 2013 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। साजा विधानसभा क्षेत्र चौबे परिवार की परपंरागत सीट रही है।
शुक्ला ने कहा कि पूर्व में चौबे के पिता स्व. देवी प्रसाद चौबे, माता स्व. कुमारी देवी चौबे, 1977 में बड़े भाई प्रदीप चौबे एवं उसके बाद से खुद रविन्द्र चौबे निरंतर साजा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। क्षेत्र का विधायक, प्रदेश सरकार का मंत्री किसी भी जाति या धर्म का हो, सबसे पहले वह पूरे क्षेत्र एवं प्रदेश की जनता का प्रतिनिधि होता है। चौबे ब्राम्हण नेता होने के नाते मंत्रिपरिषद में जगह पाने में सफल हो गए, ब्राम्हणों के हितसंवर्धन से परे ही रहे।
डॉ. रमन से लेवी वसूलते थे रविंद्र चौबे
उमाशंकर शुक्ला ने रविंद्र चौबे पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि चौबे तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से मासिक लेवी लेते रहे हैं और मुद्दों से दूर हटते थे। मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने कभी पूरे प्रदेश का भ्रमण नहीं किया, सिर्फ उनके द्वारा स्वहित के ही कार्य किए गए। रवींद्र चौबे को न तो संगठन का ज्ञान है, न ही प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भावनाओं की जानकारी है। अत: ऐसे व्यक्ति द्वारा संगठन के संबंध में कही गई बातों को तरजीह नहीं देनी चाहिए। पं. उमाशंकर शुक्ला ने ये सारी बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी चिट्ठी में भी कही हैं।