Chhattisgarh : शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला, 172 पदों पर हुई फर्जी नियुक्तियां, तीन आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का बहुचर्चित मगरलोड भर्ती घोटाला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। साल 2007 की शिक्षाकर्मी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। स्वीकृत 150 पदों के बजाय 172 नियुक्तियाँ की गईं और कई अपात्र उम्मीदवारों को फर्जी अंकतालिका, अनुभव पत्र और झूठे प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी दिलाई गई।
2011 में मामला उजागर हुआ था, जब RTI कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस और CID ने जांच शुरू की लेकिन कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी रही। अब पुलिस ने ताजा कदम उठाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सीताराम कुर्रे, इशू कुमार साहू और तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष कोमल यादव शामिल हैं जो चयन समिति के सदस्य थे। ये तीनों इस समय किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन जांच में उनके खिलाफ पुख़्ता सबूत मिलने पर गिरफ्तारी की गई।
अदालत पहले ही इस घोटाले के कई गुनाहगारों को सजा सुना चुकी है। सन 2020 में दस शिक्षाकर्मियों को फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का दोषी मानते हुए पांच साल की सश्रम कैद और जुर्माने की सजा दी गई थी। फिलहाल इस मामले में करीब 183 लोगों पर जांच चल रही है, जिनमें से कई अब भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं और मोटी तनख्वाह ले रहे हैं जिससे पूरी शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती में स्वीकृत 150 पदों की जगह 172 पद यानी 22 अतिरिक्त पद बढ़ाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। फर्जी अनुभव, फर्जी जॉइनिंग लेटर और सरकारी दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षरों के सहारे यह गड़बड़ी की गई। अब सवाल यह है कि इन फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले तत्कालीन अधिकारियों तक पुलिस पहुंच पाएगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
आरोपी ईशु कुमार निवासी कमरौद,थाना मगरलोड, जिला धमतरी (छ.ग.) सिता राम निवासी मेघा,थाना मगरलोड, जिला धमतरी (छ.ग.) कोमल सिंह निवासी मोंहदी,थाना मगरलोड, जिला धमतरी (छ.ग.)