Gold Rate Cut Speculation : भूलकर भी अभी मत खरीदे सोना, इतने गिरेंगे दाम, अचानक इतना सस्ता हो सकता है सोने का दाम

Gold Rate Cut Speculation : त्योहारी सीजन से ठीक पहले सोना-चांदी की कीमतों ने आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। हर साल नवरात्र, दुर्गा पूजा, धनतेरस और दिवाली के मौके पर लोग सोना-चांदी खरीदते हैं, लेकिन इस बार त्योहार फीका पड़ने का अंदेशा है क्योंकि सोने के दाम आसमान छू रहे हैं।
सोने-चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर
पिछले एक साल में सोना करीब 46% महंगा हो चुका है। अकेले 2025 में ही सोने की कीमतों में 40% की बढ़त दर्ज की गई है। एक साल पहले 24 कैरेट सोने का भाव 75 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो बढ़कर 1,10,000 रुपये के पार चला गया। यानी केवल 12 महीनों में 35,000 रुपये की छलांग लग चुकी है।
शादी-ब्याह वाले परिवारों की दिक्कत सबसे ज्यादा बढ़ गई है। भारी ज्वेलरी के दाम अब आम बजट से बाहर होते जा रहे हैं। हालांकि पिछले दो दिनों में सोने की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है।
मंगलवार को सोना 1,10,869 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचकर ऑल-टाइम हाई पर था।
बुधवार को यह घटकर 1,09,733 रुपये रहा।
गुरुवार को और 500 रुपये की गिरावट के साथ सोना 1,09,264 रुपये पर पहुंच गया।
यानी सिर्फ दो दिनों में सोने के दाम 1,600 रुपये से ज्यादा टूट चुके हैं।
चांदी में भी मामूली गिरावट
चांदी भी पिछले हफ्ते रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। 16 सितंबर को चांदी का भाव 1,29,300 रुपये प्रति किलो था, जो 17 सितंबर को घटकर 1,25,756 रुपये और फिर 18 सितंबर को 1,25,563 रुपये पर आ गया। यानी दो दिन में दाम करीब 3,500 रुपये टूट गए। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी में सोने जैसी बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
कीमतों पर असर डालने वाली वजहें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है। 4.25% से घटाकर 4.0% करने के बाद गोल्ड- सिल्वर पर दबाव बढ़ा है। रुपया मजबूत होने और टैरिफ में राहत से भी सोने के भाव पर काबू पाया जा सकता है। टैरिफ और निर्यात कमज़ोर होने से भारतीय ज्वेलरी कारोबार पर भी असर पड़ रहा है।
आगे क्या होगा सोने की कीमतों का?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोने में अब करेक्शन यानी गिरावट संभव है।
शॉर्ट टर्म में 5-6% गिरावट आ सकती है।
लंबी अवधि में 10% तक गिरावट की संभावना है।
भारत में सोने का भाव फिर से 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल 3,600-3,700 डॉलर प्रति औंस भाव रह सकता है, लेकिन ग्लोबल तनाव कम हुआ तो यह 3,300 डॉलर तक फिसल सकता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
ज्यादातर जानकार इस वक्त नए निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं। सोना ऊंचे स्तर पर है और गिरावट का जोखिम ज्यादा है। जिनको खरीदना ही है वे थोड़ा-थोड़ा निवेश करें। बड़े निवेश के लिए कम से कम 3 से 6 महीने इंतजार करने की राय दी जा रही है।
ज्वेलरी मार्केट में नए ट्रेंड
सोने की ऊंची कीमतों का सीधा असर गहनों की बिक्री पर दिख रहा है।
लोग अब हल्के डिजाइन की ज्वेलरी पसंद कर रहे हैं।
भारी नेकलेस और कंगन की जगह स्लीक रिंग्स, लाइट चेन और मिनिमल ब्रेसलेट्स की डिमांड बढ़ी है।
18K और 14K सोना अपनाया जा रहा है जिससे गहने सस्ते भी पड़ते हैं और डिजाइनों की रेंज भी बढ़ जाती है।
सोने के विकल्प के तौर पर बहुत से खरीदार सिल्वर और प्लेटिनम ज्वेलरी की ओर रुख कर रहे हैं।
त्योहारी सीजन भले ही सोने की कीमतों के जाल में फंसा लगे, लेकिन सही रणनीति और धैर्य अपनाकर उपभोक्ता और निवेशक दोनों नुकसान से बच सकते हैं।






