शराब घोटाला : रिटायर्ड IAS निरंजन दास को EOW ने लिया हिरासत में

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने बड़ा एक्शन लिया है। लंबे समय से जांच एजेंसियों की रडार पर रहे रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास को हिरासत में ले लिया गया है। कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी आयुक्त रहे निरंजन दास पर घोटाले की पूरी रूपरेखा बनाने और उसे लागू कराने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक वही नितेश पुरोहित, यश पुरोहित गिरिराज होटल से फरार हो गए है जिनकों ACB के अधिकारी गिरफ्तार करने गए थे।
जांच एजेंसियों का कहना है कि निरंजन दास ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा (सिंडिकेट के कथित संरक्षक), अरुणपति त्रिपाठी (तत्कालीन विशेष सचिव आबकारी), और व्यवसायी अनवर ढेबर (रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई) के साथ मिलकर एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। इस सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों पर कमीशन तय करने, डिस्टिलरियों से अतिरिक्त उत्पादन कराने, विदेशी ब्रांड की अवैध आपूर्ति करवाने और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिये शराब बेचकर करोड़ों का घोटाला किया।
डुप्लीकेट होलोग्राम से 1200 करोड़ का खेल
चार्जशीट के अनुसार, नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स (मालिक विधु गुप्ता) को फर्जी तरीके से टेंडर दिया गया। यह कंपनी पात्र नहीं थी, लेकिन निरंजन दास, त्रिपाठी और टुटेजा ने टेंडर शर्तें बदलकर इसे फायदा पहुंचाया। इसके बाद डुप्लीकेट होलोग्राम छपवाकर शराब की अवैध बिक्री को वैध दिखाया गया। हर होलोग्राम पर 8 पैसे का कमीशन लिया गया। अनुमान है कि सिर्फ इसी हेराफेरी से 1200 करोड़ रुपये का नुकसान राज्य को हुआ।
झारखंड कनेक्शन भी बेनकाब
EOW की जांच में यह भी सामने आया है कि निरंजन दास ने छत्तीसगढ़ मॉडल को झारखंड में लागू करने की साजिश रची। जनवरी 2022 में अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के साथ झारखंड अधिकारियों से बैठक हुई। इसके बाद झारखंड की आबकारी नीति में बदलाव कर वहां भी अवैध फायदा उठाया गया। यही नहीं, फरवरी 2023 में रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस सरकार ने निरंजन दास को संविदा पर आबकारी आयुक्त नियुक्त किया, जिससे उन्हें घोटाले को और आगे बढ़ाने का मौका मिला।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई
ED : जुलाई 2023 में नोएडा में मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया। मई 2024 में 205 करोड़ की संपत्ति जब्त की। अगस्त 2025 की चार्जशीट में 248 करोड़ के अवैध मुनाफे का उल्लेख। ACB/EOW, छत्तीसगढ़: जनवरी 2024 में रायपुर में FIR दर्ज। फरवरी 2024 में निरंजन दास के ठिकानों पर छापे। जुलाई 2025 में 5000 पन्नों का चालान पेश किया गया, जिसमें आबकारी विभाग के 29 अधिकारियों की भूमिका का
नोएडा में होलोग्राम घोटाले पर केस दर्ज। मई 2024 में कंपनी मालिक विधु गुप्ता गिरफ्तार। झारखंड ACB: सितंबर 2024 में निरंजन दास सहित सात लोगों पर FIR। मई-जून 2025 में दो IAS अफसर विनय चौबे और अमित प्रकाश गिरफ्तार।
निरंजन दास ने 2023 में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन कई बार अदालत ने इसे खारिज कर दिया। मई 2024 में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली थी। हालांकि, अब EOW ने उन्हें हिरासत में लेकर रिमांड पर लिया है। माना जा रहा है कि पूछताछ में कई बड़े राज खुलेंगे और सिंडिकेट से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं।