रायपुर संभाग

समाधि धाम बंगोली में दिखी गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक : श्री 108 पंथ गुरू बालापीर घासीदास साहेब स्मृति 308 वां कबीर पंथी मेला सम्पन्न, सत्संग समारोह में संतों ने सुनाए प्रवचन

केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | श्री 108 पंथ गुरू बालापीर घासीदास साहेब स्मृति त्रि-दिवसीय कबीर पंथी मेला व सत्संग समारोह का आयोजन समाधि धाम बंगोली में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आयोजित किया गया। पूरे तीन दिनों तक कबीर जी के जीवन प्रसंगो पर आधारित संगीतमय भजन और प्रवचन समाधि स्थल पर गूंजती रही। तो वहीं दूसरी ओर संत शिरोमणि गुरू घासीदास जी का अमर संदेश चारों ओर बिखरती रही। पूरे तीन दिनों तक यहां गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक देखने को मिला। विदित है कि, कबीर पंथ के प्रचार-प्रसार केन्द्र व कबीर पंथियों के तीर्थ स्थल के रूप मे विख्यात श्रद्वा व आस्था के धाम बंगोली में कबीर पंथ के चौंथे वंशाचार्य पंथ गुरू बालापीर साहेब द्वारा उनके अनुज पंथ गुरू बालापीर घासीदास साहेब की स्मृति मे हर साल यहां माघी पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिवसीय कबीर पंथी मेला व सत्संग समारोह का आयोजन होता है। महंत नरोत्तम दास साहेब ने बताया कि, यह आयोजन पिछले 307 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। जो यहां की भव्यता व महत्ता को चरितार्थ करती है। इस बार भी कार्यक्रम की शुरुआत माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को कलश यात्रा के साथ हुई। उल्लेखनीय है कि, समाधि धाम बंगोली मे हर साल संत महात्माओं का संत समागम व भजन, प्रवचन होता है। अंतिम दिन माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्य माघी पुन्नी मेला का आयोजन भी किया जाता है। जहाँ आसपास सहित दूर-दराज से भी बड़ी संख्या मे श्रद्वालु और कबीर जी को मानने वाले अनुयायी पहुंचते है। जहां पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही सत्संग का आनंद लेते हुए मेले का लुत्फ उठाते हैं।

हर साल तीन दिन का भव्य आयोजन

महंत नीलकंठ दास साहेब ने बताया कि महंत अयोध्या प्रसाद बैरागी जी के पांच पुत्र भगत दास, अमर दास, अजर दास, आनंद दास और अटल दास यहां के मठाधिकारी थे। जिनमें आनंद दास और अमर दास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा किए। पंत हुजूर प्रकाश मुनि साहेब जी के आशीर्वाद व सानिध्य से यहां हर साल कार्यक्रम आयोजित होता है। इस साल भी 3 से 5 फरवरी तक कार्यक्रम आयोजित हुआ। पहले दिन कलश यात्रा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तत्पश्चात प्रवचन और संगीतमय भजन की प्रस्तुती हुई।

308 वां वर्ष का मेला धूमधाम से सम्पन्न

गौरतलब है कि, समाधि धाम बंगोली में त्रि-दिवसीय कबीर पंथी मेला व सत्संग समारोह प्रतिवर्ष होता है। इस बार 308 वां वर्ष का मेला सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को कलश यात्रा के साथ होती है। जिसके बाद निशान चढा़या जाता है। कार्यक्रम मे समाधि धाम बंगोली व बाहर से आए संतो का प्रवचन भी होता है। इस बार भी पूरे तीन दिनों तक यहां भजन व प्रवचन सत्संग का कार्यक्रम जारी रहा। मेलें में आसपास के गांव बंगोली, कुर्रा, धनसुली, खौना देवगांव, मढ़ी, बरौण्डा, मुरा, गनियारी, असौंदा, अड़सेना, सारागांव, निलजा, पवनी, रायखेड़ा, सोनतरा, पिकरीडीह, माठ सहित दूर-दूर से भी लोग तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कबीर जी के अनुयायी और संत शिरोमणि गुरू घासीदास जी के अनुयायी पूजा-अर्चना करने बड़ी संख्या में सम्मलित हुए।

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