छत्तीसगढ़ में शिक्षा नीति में बड़ा फेरबदल…स्कूलों में सहायक वाचन की वापसी…जानें क्यों लिया गया यह फैसला और छात्रों को क्या मिलेगा फायदा?

CG Education Reform: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में एक बार फिर सहायक वाचन लागू होने वाला है. इसे नए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू किया जाएगा. प्रदेश के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने इसे दोबारा लागू करने के लिए जरूरी निर्देश दिए है. वहीं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) और साक्षरता मिशन (National Literacy Mission – NLM) को सहायक वाचन की किताब तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है.
सहायक वाचन से क्या होगा फायदा?
स्कूलों में सहायक वाचन लागू होने से कक्षा तीसरी से आठवीं तक के स्कूली छात्र देश-प्रदेश के इतिहास, संस्कृति, परंपराओं, कला, नदियों और विरासत के बारे में सरलता और गहराई से पढ़ सकेंगे. इसकी किताबों में क्रांतिकारी, शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की जीवन गाथाएं विशेष रूप से शामिल होंगी. जिससे बच्चों को राष्ट्र और समाज निर्माण में उनके योगदान की जानकारी मिल सके.
नई व्यवस्था के लिए काम शुरू
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में सहायक वाचन को पुनः लागू करने के निर्देश दिए थे. इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और बच्चों को अपने प्रदेश तथा देश के गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित कराना है. मंत्री के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लेखन और सामग्री निर्माण का काम शुरू कर दिया है. इस कार्य की जिम्मेदारी SCERT और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को सौंपी गई है.
पुस्तकों में क्या-क्या होगा शामिल?
अधिकारियों के अनुसार, सहायक वाचन की नई पुस्तकों में छात्रों की उम्र के अनुसार सरल भाषा, प्रेरक प्रसंग और शिक्षाप्रद घटनाओं को शामिल किया जाएगा. जिससे बच्चों में पढ़ने की आदत मजबूत हो और उनमें अपने प्रदेश तथा राष्ट्र के प्रति समझ और जुड़ाव बढ़े.
विभाग का मानना है कि इस पहल से न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि नई पीढ़ी अपने इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को भी अधिक गहराई से समझ सकेगी. तैयारी तेज गति से चल रही है और समय पर इसे लागू करने का लक्ष्य रखा गया है.





