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साय सरकार ने जमीन गाइडलाइन दरों पर जारी किया नया आदेश, जाने कितनी मिली है राहत

छत्तीसगढ़ में गाइडलाइन दरों एवं उपबंधों के पुनरीक्षण संबंधी केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के निर्णय दिनांक 19.11.2025 को केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा राज्य में लागू गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण करते हुए नई दरें जारी की गई थी जिसके संबंध में विभिन्न हितधारकों से ज्ञापन, सुझाव एवं प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनका परीक्षण कर निर्णय लेने के लिए केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय निम्नानुसार हैं-

  1. नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर तक भूखंडों के इंक्रीमेंटल आधार पर गणना के प्रावधान को समाप्त करते हुए पूर्व प्रचलित उपबंध अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक, और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन के प्रावधान को यथावत लागू किए जाने का निर्णय लिया गया।
  2. बहुमंजिला भवनों में फ्लैट / दुकान / कार्यालय अंतरण होने पर सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना के प्रावधान को विलोपित किए जाने का निर्णय लिया गया. अब इनमें बिल्ट अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। यह प्रावधान मध्य प्रदेश के समय से चला आ रहा था और राज्य में वर्टिकल डेवलपमेंट के लिए इसकी मांग लंबे समय से आ रही थी। इससे नगर योजना में भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा।  ⁠
  3. बहुमंजिला भवन एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट एवं प्रथम तल पर 10% कमी, द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20% कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग को किफायती दर पर फ्लैट मिल पाएंगे।
  4. कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर पश्चात् स्थित संपत्ति के लिए भूखंड की दर में 25% कमी कर मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी।
  5. जिला मूल्यांकन समिति द्वारा गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाते हैं जिनका विश्लेषण कर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड नवीन गाइडलाइन दरें जारी करता है. ज़िला मूल्यांकन समिति को यह निर्देशित करने का निर्णय लिया गया कि हाल ही में हुई दरों में वृद्धि के पश्चात् प्राप्त ज्ञापनों, आपत्तियों एवं सुझावों का परिशीलन कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें।

1. इंक्रीमेंटल आधार पर मूल्यांकन खत्म

  • नगरीय क्षेत्रों में पहले भूखंड का मूल्य 1400 वर्गमीटर तक इंक्रीमेंटल आधार पर तय किया जाता था, इसे हटाकर अब फिर से पुराने स्लैब रेट लागू।
  • नगर निगम: 50 डेसिमल तक
  • नगर पालिका: 37.5 डेसिमल तक
  • नगर पंचायत: 25 डेसिमल तक

2. फ्लैट/दुकान का मूल्यांकन सुपर बिल्ट अप नहीं, बिल्ट अप एरिया से

अब केवल बिल्ट-अप क्षेत्र की गणना। मध्यप्रदेश के समय से चल रही पुरानी व्यवस्था खत्म। इससे वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

3. मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में तल के आधार पर दरें कम

  • बेसमेंट/पहली मंज़िल : 10% कमी
  • दूसरी मंज़िल और ऊपर : 20% कमी
  • आम और मध्यम वर्ग के लिए फ्लैट सस्ते होने की उम्मीद।

4. कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर के बाद 25% कमी

  • मुख्य मार्ग से दूर की दुकानों की दरों पर राहत
  • 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी।

5. जिला प्रस्तावों पर केंद्रीय बोर्ड लेगा अंतिम निर्णय

  • पहले प्रस्ताव भेजे जाते थे, अब उन पर विस्तार से विश्लेषण होगा, ताकि वास्तविक बाजार दर तय हो सके।

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news36Desk

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