बस्तर रेंज में 1592 आरक्षकों का चयन, 464 महिलाएं हुई सफल; देखें जिलेवार पूरी सूची

बस्तर रेंज में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया 2023-24 का परिणाम जारी हो गया है, जिसमें कुल 1,592 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। चयनित उम्मीदवारों में 464 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं, जो बस्तर रेंज में बढ़ती महिला भागीदारी और जेंडर बैलेंस को दर्शाता है।
छत्तीसगढ़ शासन की मंजूरी के बाद पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा 4 अक्टूबर 2023 को भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था। पूरी प्रक्रिया बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पट्टीलिंगम की स्वीकृति के बाद अंतिम रूप से जारी की गई है।
भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा
बस्तर रेंज में भर्ती के लिए दो चयन समितियां बनाई गई थीं, पहला केंद्र जगदलपुर में सुकमा, बीजापुर, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों के लिए, और दूसरा केंद्र कोंडागांव में नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर जिलों के लिए था। दोनों केंद्रों की अध्यक्षता संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई।
दस्तावेज़ सत्यापन, शारीरिक नाप-जोख और शारीरिक दक्षता परीक्षा 16 नवंबर 2024 से 18 जनवरी 2025 तक कंगोली (जगदलपुर) और पुलिस लाइन कोंडागांव में आयोजित हुई। योग्य अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा 14 सितंबर 2025 को व्यावसायिक परीक्षा मंडल रायपुर के माध्यम से ली गई, जबकि आरक्षक (चालक) और ट्रेड आरक्षक के लिए ट्रेड टेस्ट 17 से 19 नवंबर 2025 तक कराया गया।
जिलेवार चयनित पद
बस्तर रेंज के सातों जिलों में आरक्षक भर्ती के परिणाम स्वीकृत 1,592 पदों के विरुद्ध घोषित किए गए हैं। इनमें नारायणपुर में 470, बीजापुर में 337, बस्तर में 334, सुकमा में 128, कांकेर में 125, कोंडागांव में 103 और दंतेवाड़ा में 55 पदों पर आरक्षकों का चयन किया गया है।
इसके अलावा मोटर वाहन चालक और अन्य ट्रेड आरक्षक के 91 पदों पर भी उम्मीदवारों का चयन किया गया है। चयन सूची और प्रतीक्षा सूची को एक साथ जारी किया गया है, जिसे अभ्यर्थी आधिकारिक PDF में देख सकते हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टीलिंगम ने कहा कि नई भर्ती से क्षेत्र में जनसेवा उन्मुख और प्रोफेशनल पुलिसिंग को नई ताकत मिलेगी। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ शासन और पुलिस मुख्यालय की जन-केंद्रित बुनियादी पुलिसिंग की प्राथमिकताओं को मजबूत करने वाला कदम बताया।
आईजी के अनुसार, नव-नियुक्त आरक्षकों की तैनाती से सातों जिलों में सुरक्षा व्यवस्था, कानून-व्यवस्था और नागरिकों में भरोसे को और मजबूती मिलेगी। महिलाओं की बढ़ी हुई भागीदारी से संवेदनशील और इनक्लूसिव पुलिसिंग को भी बढ़ावा मिलेगा।












