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सोनिया गांधी का केंद्र पर तीखा हमला…अब किसको और कैसे मिलेगा रोजगार?’, मनरेगा के बजट पर सरकार को घेरा

Sonia Gandhi On MGNREGA: संसद में मनरेगा को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के बाद अब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार को याद करते हुए कहा कि 20 साल पहले मनरेगा कानून आम सहमति से संसद में पास किया गया था, जो क्रांतिकारी कदम था. इस कानून से करोड़ों की तादात में ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिला. इससे पलायन में कमी आई और लोगों को रोजगार के लिए कानूनी अधिकार मिला. लेकिन मोदी सरकार ने पिछले 11 सालों से इसे कमजोर करने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा, “खासतौर पर मनरेगा वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया बना. रोजगार के लिए अपनी माटी, अपना गांव, अपना घर-परिवार छोड़कर पलायन करने पर रोक लगी. रोजगार का कानूनी हक दिया गया, साथ ही ग्राम पंचायतों को ताकत मिली. मनरेगा के जरिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के भारत की ओर एक ठोस कदम उठाया गया.”

मनरेगा पर बुलडोजर चलाने की कही बात
सोनिया गांधी ने सरकार पर सवाल करते हुए बोलीं, पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार, गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की, जबकि कोविड के वक़्त ये गरीब वर्ग के लिए संजीवनी साबित हुआ. लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि अभी हाल में सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया. न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया गया, बल्कि मनरेगा का रूप-स्वरूप बिना विचार-विमर्श किए, बिना किसी से सलाह-मशवरा किए, बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया.”

मनरेगा को कमजोर करने का आरोप
अब किसको, कितना, कहां और किस तरह रोजगार मिलेगा, यह जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठकर सरकार तय करेगी. कांग्रेस का मनरेगा को लाने और लागू करने में बड़ा योगदान था, लेकिन यह पार्टी से जुड़ा मामला कभी नहीं था. ये देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी. मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है.

उन्होंने कहा कि इस हमले का मुकाबला करने के लिए हम सब तैयार हैं. 20 साल पहले अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलवाने के लिए मैं भी लड़ी थी, आज भी इस काले कानून के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मेरे जैसे कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं.

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Regional Desk

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