ट्विटर पर मोबाइल यूजर को महीने में ₹900 और वेब यूजर को ₹650 चुकाने होंगे:ब्लू टिक के पैसे लगेंगे, 8 दिन बाकी
नई दिल्ली: ट्विटर यूजर्स के अकाउंट से 20 अप्रैल के बाद ब्लू चेकमार्क (ब्लू टिक) हट जाएगा। कंपनी ने पुराने तरीके से हासिल किए गए फ्री ब्लू टिक को हटाने की प्रोसेस तेज कर दी है। अगर किसी को अपना ब्लू टिक बचाए रखना है तो उसे ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन खरीदना होगा कंपनी के नए CEO एलन मस्क ने बुधवार को इस संबंध में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, ‘लीगेसी ब्लू चेकमार्क हटाए जाने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल है।
इससे पहले एक अप्रैल से लीगेसी चेकमार्क हटाने की तारीख तय की थी। ट्विटर के कहा था कि, ‘एक अप्रैल को हम अपने लीगेसी वेरिफाइड प्रोग्राम को खत्म करना और लीगेसी वेरिफाइड चेकमार्क को वापस लेना शुरू करेंगे।
ब्लू सब्सक्रिप्शन में जोड़ा ब्लू चेक मार्क
ब्लू चेक मार्क पहले राजनेताओं, प्रसिद्ध हस्तियों, पत्रकारों और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के वेरिफाइड अकाउंट के लिए रिजर्व था। मस्क के ट्विटर टेकओवर के बाद इसे ब्लू सब्सक्रिप्शन सर्विस में जोड़ा गया था।
अब चेकमार्क के लिए क्राइटेरिया
1. आपके अकाउंट में एक डिस्प्ले नेम और प्रोफाइल फोटो होनी चाहिए।
2. ब्लू सर्विस के लिए अकाउंट पिछले 30 दिन से एक्टिव होना चाहिए।
3. अकाउंट 90 दिन से ज्यादा पुराना और कन्फर्म्ड फोन नंबर होना चाहिए।
4. प्रोफाइल फोटो, डिस्प्ले नेम में कोई हालिया बदलाव नहीं होना चाहिए।
5. अकाउंट का मिसलीडिंग होने का कोई संकेत नहीं होना चाहिए।
6. अकाउंट के स्पैम में शामिल होने का कोई संकेत नहीं होना चाहिए।
7. ट्विटर की टीम के रिव्यू करने के बाद ही अकाउंट पर ब्लू चेकमार्क दिखाई देगा। अगर ट्विटर टीम को लगता है सभी पात्रता पूरी हो रही हैं तभी ये चेकमार्क दिया जाएगा।
8. ट्विटर उन अकाउंट से चेकमार्क हटा भी सकता है जो ट्विटर नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे।
वेब के लिए सालाना सब्सक्रिप्शन पर 200 रुपए डिस्काउंट
मस्क 2023 के अंत तक ट्विटर को फाइनेंशियली मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ब्लू सब्सक्रिप्शन जैसी कुछ सर्विस को मॉडिफाई भी किया है। भारत में एंड्रॉयड और IOS वाले मोबाइल यूजर्स को ब्लू सब्सक्रिप्शन के लिए 900 रुपए प्रति महीना चुकाने होंगे। वेब यूजर्स को ब्लू सब्सक्रिप्शन 650 रुपए में मिलेगा। अगर वेब यूजर सालाना सब्सक्रिप्शन लेता है तो उसे डिस्काउंट मिलेगा। 7,800 की जगह 6,800 रुपए चुकाने होंगे। एनुअल सब्सक्रिप्शन प्लान मोबाइल यूजर्स के लिए नहीं है।
ब्लू सब्सक्रिप्शन वाले यूजर्स को मिलेगी टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की सुविधा
20 मार्च से सिक्योरिटी फीचर ट्विटर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA ) बंद कर दिया गया है। अब यह सिर्फ ब्लू टिक वाले सब्सक्राइबर्स को ही दिया जा रहा है। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के जरिए अकाउंट्स को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए अकाउंट होल्डर को पासवर्ड के अलावा सेकेंड ऑथेंटिकेशन मेथड का यूज करने को मिलता है। अगर आपके पास पहले से ही 2FA फीचर है, तो इसे बनाए रखने के लिए या तो ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन लेना पड़ेगा या इसे डी-एक्टिवेट करना पड़ेगा।
2FA सेटिंग कैसे बदलें?
1. यह एक आसान और फास्ट प्रोसेस है, जिसमें मुश्किल से कुछ मिनट लगेंगे।
2. यूजर्स को अपने ट्विटर ऐप या डेस्कटॉप साइट पर सेटिंग पेज पर जाना होगा।
3. वहां security and account access का विकल्प चुनें।
4. उसके बाद सिक्योरिटी ऑप्शन पर जाएं और 2FA पेज तक पहुंचने के लिए स्टेप्स को फॉलो करें।
5. डुओ मोबाइल और ऑटि जैसे अन्य थर्ड पार्टी ऐप भी काम आ सकते हैं। यूजर को केवल उन्हें डाउनलोड करने और इसे अपने ट्विटर अकाउंट से लिंक करने के लिए निर्देशों का पालन करने की जरूरत है।
6. ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन में यूजर को क्या मिलेगा?
7. सब्सक्रिप्शन में यूजर्स को ट्वीट एडिट करने, 1080p यानी HD क्वालिटी में वीडियो अपलोड करने, रीडर मोड और एक ब्लू चेकमार्क मिलेगा। ब्लू चेकमार्क नंबर को भी वेरिफाई किया जाएगा। अभी यह साफ नहीं है कि अकाउंट के रिव्यू की प्रोसेस क्या होगा। इसके अलावा रिप्लाई, मेंशन और सर्च में प्रायोरिटी मिलेगी। सामान्य यूजर्स से 50% कम ऐड दिखेंगे और नए फीचर्स में भी प्रायोरिटी मिलेगी।
सब्सक्राइबर अपना हैंडल, डिस्प्ले नाम या प्रोफाइल फोटो भी बदल सकेंगे, लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं, तो उनके अकाउंट का फिर से रिव्यू होने तक अस्थायी रूप से ब्लू चेकमार्क हट जाएगा। ट्विटर ने ये भी बताया कि बिजनेस अकाउंट के ऑफिशियल लेबल को गोल्ड चेकमार्क से बदला जाएगा। वहीं सरकारी और मल्टीलेटरल अकाउंट के लिए ग्रे चेकमार्क होगा।
सब्सक्रिप्शन मोड पर ले जाने की 3 वजह
1. कंपनी को रोजाना 32 करोड़ का नुकसान हो रहा है। वो नए मॉडल से रेवेन्यू बढ़ाना चाहती है।
2. मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदा है। वो जल्द इसकी भरपाई करना चाहते हैं।
3. ट्विटर पर भारी कर्ज है। वो इसे खत्म करने के लिए एडवर्टाइजर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहते।