छत्तीसगढ़ में हीट वेव की चेतावनी, 45 डिग्री के साथ जांजगीर रहा सबसे गर्म
छत्तीसगढ़ में लोग इस समय बढ़ते तापमान और झुलसाने वाली गर्मी के साथ लू के थपेड़ों से बेहाल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक राहत की कोई उम्मीद भी नहीं है। गर्मी का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के मध्य क्षेत्र में देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा तापमान जांजगीर जिले का रहा यहां 45.3 डिग्री टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया। रायगढ़, बलौदाबाजार, रायपुर, महासमुंद में भी गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिल रहे हैं।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एक द्रोणिका, उत्तरी छत्तीसगढ़ से लेकर उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक पूरे तेलंगाना में औसत समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊपर तक बनी हुई है। इसलिए केरल में मानसून की अनुकूल परिस्थितियां बताई जा रही है। केरल में मानसून की एंट्री के बाद छत्तीसगढ़ में भी बारिश का इंतजार एक हफ्ते के अंदर खत्म हो सकता है।
जांजगीर प्रदेश के सबसे गर्म शहर
प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्म इस वक्त बिलासपुर संभाग है, यहां जांजगीर जिला सबसे गर्म रहा। रायगढ़ में 44.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी रायपुर में 43.2 डिग्री टेम्परेचर रहा। दुर्ग में 42.6 डिग्री, राजनांदगाव में 42.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। महासमुंद जिले में 42.2 डिग्री तापमान रहा। दक्षिण छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले का तापमान 42.1 और दंतेवाड़ा 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। नारायणपुर जिले में 40.2 और कांकेर में 41.4 डिग्री तापमान रहा। इसी तरह बिलासपुर में 42 डिग्री, कोरबा जिले में 41.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है।
मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल
मौसम विभाग ने केरल में जल्द मानसून के पहुंचने की उम्मीद जताई है और यहां प्रवेश के एक सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ में बस्तर से मानसून की एंट्री होती है।
1- दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं की निरंतरता बनी हुई है ।
2- मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों तक पश्चिमी हवाओं की गहराई में वृद्धि हुई है
3- दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और केरल के तटों को कवर करने वाले क्षेत्रों में बादलों की मात्रा और मोटाई में वृद्धि हुई है
इसके तहत अगले 24 से 48 घंटों के दौरान केरल में मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। IMD से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, पूरे लक्षद्वीप क्षेत्र और मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी, बंगाल की खाड़ी, पूर्वोत्तर राज्यों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल हैं।