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बिलासपुर- टिकट को लेकर सीएम ने कहा- कैंडिडेट तय करेंगे हाईकमान, महंत बोले- संभाग पर CM की नज़र-ए-इनायत कम

बिलासपुर में कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा ने टिकट के दावेदारों को साफ शब्दों में कहा कि विधानसभा चुनाव में हजारों की भीड़ लेकर आने वाले को टिकट नहीं मिलेगी। इससे हम प्रभावित होकर टिकट नहीं देंगे। कई तरह के सर्वे के बाद ही हाईकमान टिकट तय करती है। पार्टी जिसके नाम पर फैसला कर लेती है तो वह सबको मान्य होता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन में मौजूद पदाधिकारियों से पूछा कि संभाग में 24 सीटें हैं, वे कितनी जीतकर देंगे। इस पर सभी ने 24 के 24 सीट जीतकर देने की बात कही। इसके लिए उन्होंने सभी से हाथ भी उठवाया।

विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन को दोबारा सत्ता में कब्जा करने का मुख्य माध्यम माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि 2018 के चुनाव में बिलासपुर संभाग ने भाजपा को संजीवनी दी। पूरे प्रदेश में भाजपा ने यहां से सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि, कांग्रेस को 13 सीटों पर जीत मिली थी। बहुजन समाज पार्टी और जोगी कांग्रेस ने यहां तीसरे मोर्चे के रूप में चार सीटों पर कब्जा जमाया था।

इसमें जोगी कांग्रेस को दो और दो सीट बसपा के खाते में आए थे। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बाद संभाग की राजनीतिक परिस्थितियां बदली हुई है। यही वजह है कि कांग्रेस पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा से ज्यादा सीट बिलासपुर संभाग से हथियाने की रणनीति बना रही है।

भितरघात करने वाले नेताओं को चेतावनी
सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी सेलजा ने भितरघात करने वाले नेताओं को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि चुनाव में टिकट किसी एक को मिलेगी। लेकिन, ऐसा नहीं होना चाहिए कि बाकी लोग प्रत्याशी का विरोध करना शुरू कर दें। अगर विरोध करेंगे तो चुनाव के बीच में हम एक्शन लेंगे। ऐसा नहीं होगा कि चुनाव के बाद में मेरे पास आकर रोने लग गए।

सेलजा ने लगाया बजरंगबली का जयकारा
सेलजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना करते हुए 15 लाख रुपए खाते में जमा करने, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की महंगाई पर कटाक्ष किया। कर्नाटक चुनाव को याद करते हुए कहा कि बजरंगबली ने दिखा दिया कि वे सच्चाई के साथ हैं। झूठ की लंका ढहनी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के बारे में बाहर कहा जा रहा है कि वहां कोई चिंता नहीं है, सरकार बन रही है। यह इसलिए है क्योंकि हमारी सरकार ने काम करके दिखाया है। भाजपा ने झूठ की राजनीति करते हुए 15 सालों तक सत्ता को हथियाए रखा। नौ साल से केंद्र में भाजपा ने यहीं काम किया। हमारे यहां कहते हैं कि पाप का घड़ा एक न एक दिन फूटता है। उन्होंने भाषण के अंत में पूछा कि 24 में से कितनी सीट जीतेंगे? जवाब मिला, 24 तो उन्होंने जय बजरंगबली बोलकर अपना भाषण समाप्त किया।

पूर्व विधायक को सीएम, मरकाम, जयसिंह ने बिठाया
जब कुमारी सेलजा मंच पर भाषण देने पहुंचीं तो पूर्व विधायक अरुण तिवारी ने खड़े होकर कहा कि उन्हें बात करने का अवसर मिलना चाहिए। तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल उन्हें हाथ से इशारा करते हुए बिठाने लगे। संचालन कर रहे कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने भी उन्हें अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया। फिर वे बैठ गए। इससे पहले भी जब महंत बोलने लगे और उन्होंने अपनी पत्नी ज्योत्सना का नाम अतिथियों में नहीं लिया तो उन्होंने आपत्ति की जिस पर महंत बोलें कि उनका नाम क्या लूं, वह तो उनके दिल में रहती हैं।

महंत बोले- संभाग पर CM की नज़र-ए-इनायत कम
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने जब कहा कि बिलासपुर संभाग के प्रति मुख्यमंत्री की नज़र-ए-इनायत कम है। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरबा, जांजगीर-चांपा और कोरिया में मेडिकल कॉलेज दिए। सक्ती, सारंगढ़ और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बन गया। सबसे ज्यादा तहसील और एसडीएम कार्यालय यहां खोले गए। रायगढ़ में यूनिवर्सिटी खोला गया। बिलासपुर में एयरपोर्ट शुरू हुआ। देने में कमी नहीं किए लेकिन और विधायक जीताकर भेजते तो और ज्यादा काम होता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि महंतजी विशुद्ध रूप से राजनीतिज्ञ हैं। उनके बोलने,चलने, बैठने, किसी के घर खाना खाने और चाय पीने जाने में सबसे राजनीति होती है। वैसे बिलासपुर संभाग राजनीतिज्ञों का गढ़ रहा है। 2018 के चुनाव में सबसे अच्छा रिजल्ट रायगढ़ का आया। फिर कोरबा का नतीजा अच्छा रहा। फिर सभी को संतुष्ट करने वाला जिला हमारा जांजगीर है, दो कांग्रेस भी ले लो, दो बसपा भी ले लो, दो भाजपा भी ले लो। मुंगेली सभी हारे और बिलासपुर केवल दो जीते। मरवाही, रायपुर दक्षिण और राजनांदगांव को छोड़ दें तो 2018 में भाजपा, बसपा या जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी ट्रायंगल फाइट में जीते। बाकी सभी 19 सीट में यही स्थिति रही। डायरेक्ट फाइट होता तो निपट जाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल्हा, कोटा हो या अकलतरा। इन सीटों में जो बड़े नेता है, जो पहले विधानसभा अध्यक्ष रहे, वर्तमान में भाजपा अध्यक्ष हैं, ये सब ट्रायंगल फाइट में जीते हैं।

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