हीटवेव से दिन में चैन न रात को सुकून : प्री-मानसून में भी बादल बरसने को तैयार नहीं, आसमान से पानी की बजाए आग बरस रही, छलांग लगा रहा तापमान, हांफ रहे पंखे-कूलर
केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | मानसून की लेटलतीफी ‘दूब्बर बर दू आषाढ़’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। आषाढ़ लगे पखवाड़े भर से ज्यादा हो गया। लेकिन मानसून का अता-पता नहीं है। गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल है। बारिश के इंतजार में किसान कुम्हलाए नजर आ रहे हैं। खेत-क्यारी प्यासे हैं। नलकूपों के हलक सूख रहे हैं। ताल-तलैया दम तोड़ रहा है। बांधों का दम घुट रहा है। इधर आसमान में बादल उमड़ रहे हैं पर बरस नहीं रहे। ऐसे में इस बार खरीफ सीजन की खेती पिछड़ सकती है। मानसून की बेरुखी की आशंका से खाद-बीज दुकानदारों के दिल धड़क रहा है। उनके उत्पाद ग्राहकों का बाट जोह रहे हैं। 40 डिग्री पार तापमान ने इंसान ही नहीं पशु-पक्षियों को भी परेशानी में डाल दिया है। गौरतलब है कि, महीनों से भीषण गर्मी का कहर झेल रहे लोगों को प्री-मानसून की फुहार भी नसीब नहीं हो रही है। वैसे बादल तो रोज छा रहे हैं लेकिन बदरा बरस नहीं रहा है। हालात यह है कि, जून के महीनें में आग उगलते आसमान से लोगों को चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। तीखी धूप और उमस भरी गर्मी ने लोगों के पसीने तो छुड़ा ही दिए साथ ही घर से बाहर निकलने की हिम्मत भी खत्म कर दिया है। बारिश न होने से सबसे ज्यादा किसान परेशान हैं। धान की बेहतर फसल के लिए उन्हें मानसून का बेसब्री से इंतजार है। इधर, गर्म हवा और लू के थपेड़ों से लोग खुद को बेचैन महसूस कर रहे हैं। मानसून की लेटलतीफी ने किसानों की माथें पर चिंता की लकीरें उकेर दी है। भीषण गर्मी को देख हर किसी के मुंह से एक ही शब्द निकल रहा है हाय गर्मी। छलांग लगाता तापमान 40 डिग्री पार पहुंचकर रोज तपा रहे हैं। राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में गर्मी से त्राहिमाम की स्थिति है। सुबह से ही हवाएं आग का गोला बनकर बरस रही है। चेहरे झुलस रहें है। आंखों में जलन हो रही है। लिहाजा शाम होने पर ही लोग बाहर निकल रहे हैं।
टेंपरेचर 40 डिग्री पार घूम रहा, सड़कों में सन्नाटा
तापमान में लगातार बढ़ोतरी होनें से आसमान से आग बरस रही है। तापमान अभी भी 40 डिग्री सेल्सियस से पार घूम रहा है। लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सितम ढा रही गर्मी से दिनभर सड़कों में वीरानी छाई रहती है। मानों भीषण गर्मी ने अघोषित कर्फ्यू लगा दिया हो। कूलर, पंखें भी हांफ रहे हैं। सूरज की तपिश से लोग घरों में ही दुबके रहने को मजबूर हैं। सूरज के तीखे तेवर और लू जैसी चलने वाली गर्म हवाओं के बीच पड़ रही गर्मी ने दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अस्पतालों में भी इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीच-बीच में आंधी तूफान चालू हो जाता है। मौसम का मिजाज भी बदल जाता है। इसके बाद भी बारिश नहीं हो रही है। जून के महीनें में भी आसमान से पानी की बजाए आग बरस रही है। सुबह से ही तेज धूप खिलने और दिन चढ़ने के साथ-साथ और तीखी होने का क्रम प्रतिदिन जारी है। बढ़ते तापमान से न दिन में चैन मिल रहा न रात को सुकून। दोपहर में लू के थपेड़े लोगों को पस्त कर रहे हैं।
बारिश के इंतजार में प्रदेश के किसान, पिछड़ सकता है खरीफ सीजन
बारिश के इंतजार में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। बारिश नहीं होनें से गर्मी के कारण मिट्टी पूरी तरह ठोंस हो चुकी है। कुछ किसान पहले से खुर्रा अकरस जुताई कर चुके हैं। किसानों का कहना है कि प्री-मानसून की बौछार पड़ती तो मिट्टी में नमी की मात्रा बढ़ जाती है और वे आसानी से खेतों की जुताई कर धान की बोनीं भी शुरू कर देते। पर ऐसा हो नहीं रहा। लोगों ने आस लगाई थी कि प्री-मानसून के दस्तक से उन्हें प्रचंड गर्मी से कुछ राहत मिल जाएगी। लेकिन प्री-मानसून में भी बादल बरसने को तैयार नहीं। विदित हो कि, बीते साल 21-22 जून की तारीख में धान बुवाई का काम शुरू हो गया था। मानसून में देरी से इस बार खेती पिछड़ने की आशंका किसान व्यक्त कर रहें हैं।