पताल पहुंचा सातवें आसमान पर : करेला कड़वा तो हरीमिर्च हुआ तीखा, कौड़ियों के भाव बिकने वाला टमाटर और लाल, 300 रुपए में झोला आधा भी नहीं भर रहा
केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | टमाटर के दामों ने टमाटर को इतना लाल कर दिया है कि आज टमाटर खुद आम आदमी को आंख दिखाता हुआ नजर आ रहा है। महंगाई के कारण टमाटर के दामों में काफी बढ़ोतरी हो गई है। वहीं अन्य सब्जियों के कीमतों में भी भयंकर वृद्धि देखने को मिल रही है। फलतः महंगाई से आम से लेकर खास वर्ग तक के लोग परेशान हैं। सब्जियों के दाम घटने की आस लगाए बैठे आमजन को कोई राहत नहीं मिल रही है। गौरतलब है कि,बाहरी इलाकों से टमाटर की आवक कम होने से टमाटर के दाम बढ़ गए हैं। लोकल आवक भी कम होने से अन्य सब्जियां भी खरीदारों को रूला रही हैं। बाजार में कोई भी सब्जियां 80 से कम नहीं है। लिहाजा आलू, प्याज समेत मौसमी सब्जियां भी बजट से बाहर होती जा रही हैं। कीमतों में बढ़ोतरी होलसेल मार्केट से लेकर रिटेल मार्केट तक है। टमाटर पर सबसे अधिक महंगाई की मार है। गाड़ी किराया व भाड़ा में बढ़ोतरी का असर अब लोगों की रसोई पर भी नजर आ रहा है। सर्दियों के मौसम में 20 रुपए से 30 रुपए तक कौड़ियों के भाव बिकने वाले टमाटर की कीमत 100 रुपए पार पहुंच शतक लगा रहा है। व्यापारियों की मानें तो कम पैदावार और ज्यादा मांग के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन लागत में तेजी से भी टमाटर लाल हो रहा है। वहीं सब्जियों के होलसेलर्स का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से भी सब्जियों के दाम बढ़े हैं। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण तो आवक में आई कमी है। चिल्हर की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही थोक में भी 500 रुपए कैरेट तक बिकने वाला टमाटर आज 1400 से 1700 रुपए कैरेट पहुंच गया है। लोगों का कहना है कि सब्जियों के भाव बढ़ जाने से मेहमान सलाद का स्वाद भूलने लगे हैं। गृहणियां परेशान हैं। मंहगाई के कारण मिर्ची तीखी हो गई है और दाल में तड़का लगाना कठिन हो रहा है। हरीमिर्च तीखा हो गया है। करेला कड़वा हो गया है। 300 रुपए में भी झोला आधा नहीं भर पा रहा है। बेलगाम महंगाई लोगों की बचत को घटाकर जेब से खेल रहा है। ऐसे हालात में सब्जियों का स्वाद लेना भी महंगा साबित हो रहा है। महंगाई की मार ने आर्थिक भार बढ़ाकर लोगों की जेबें ढीली कर रही है।
थोक व चिल्हर दोनों में महंगाई
क्षेत्र के प्रमुख बाजारों व मंडियों में इन दिनों टमाटर की कीमत चिल्हर में 100 से 120 रुपए प्रति किलो और थोक में 1400 से 1600 रुपए कैरेट तक है। मुनगा 100, करेला भी 100 रुपए किलो पहुंच गई है। अदरक 250, गोभी 90 से 100 रुपए प्रति किलो, बरबट्टी 70 से 80, मिर्च 100 रुपए किलो, कुंदरू 70 से 80, परवल 60 से 80, धनिया 200 रुपए किलो की दर से बिक रही है। वहीं अन्य सब्जियों की कीमत भी आसमान छू रही है।
क्या कहते हैं ग्राहक
खरीदारी करने आए ग्राहकों का कहना है कि टमाटर और सब्जियों के महंगे होने के चलते उनका बजट बिगड़ गया है। अकेले टमाटर ही 100 से 120 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। वहीं अन्य के भाव भी कुछ कम नहीं है। सब्जियों के भाव सुनकर ही लोग खाली हाथ लौट जा रहे हैं। गुपचुप और चाट का ठेला लगाकर अपने घर का गुजारा करने वाले लोग कहते हैं कि चाट-फुल्की में टमाटर डालने से स्वाद बढ़ जाता है। अब टमाटर महंगा हो गया है, लेकिन उनकी चाट का रेट वही है। ऐसे में घर का गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है। इधर टमाटर के दाम बढ़ने से सब्जी व्यापारी भी परेशान हैं। उनका कहना है कि पहले जहां ग्राहक 2 से 3 किलो टमाटर खरीदते थे। आज वह आधा किलो से ही काम चला रहा है। इससे उन्हें सब्जियों में अच्छा मार्जिन नहीं मिल पा रहा है। अनियंत्रित महंगाई से ग्राहक और व्यापारी दोनों परेशान है। वहीं सब्जियों के दामों में हर रोज हो रहे उतार-चढा़व से अलग-अलग क्षेत्रों में कीमतों में भी अंतर देखने को मिल रहा है।