इमरान खान तोशाखाना केस में दोषी करार, 5 साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, इस्लामाबाद पुलिस ने किया अरेस्ट
पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने तोशाखाना केस में इमरान को 3 साल जेल की सजा सुनाई है. एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इमरान की पार्टी PTI ने दावा किया है कि इमरान को उनके जमां पार्क स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया है. कोर्ट के फैसले के बाद इमरान के राजनीतिक करियर पर संकट आ गया है. वो अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था. इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में माहौल गरमा सकता है.
इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने तोशाखाना मामले में राहत की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका खारिज कर दी थी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख इमरान पर तोशाखाना से अपने पास रखे उपहारों का विवरण ‘जानबूझकर छिपाने’ का आरोप लगा था. ट्रायल कोर्ट ने आरोप साबित होने के बाद फैसला सुनाया.
इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट द्वारा मामले में राहत से इनकार किए जाने के बाद इमरान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वहां से भी राहत नहीं मिली थी. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. मई में ट्रायल कोर्ट ने मामले में पीटीआई प्रमुख को दोषी ठहराया था.
‘इमरान को जेल डालना चाहती है सरकार’
कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान पार्टी पीटीआई ने बयान जारी किया और कहा- यह बिल्कुल शर्मनाक और घृणित है. कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है, सिर्फ इसलिए कि इमरान खान को अयोग्य ठहराने और जेल में डालने की इच्छा है.
पीटीआई ने कहा, हाई कोर्ट जाएंगे
पीटीआई ने कहा, तोशाखाना मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश का बेहद पक्षपातपूर्ण फैसला है. पार्टी ने जज हुमायूं दिलावर के पक्षपातपूर्ण फैसले को खारिज कर दिया है. फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. पीटीआई का कहना है कि पक्षपाती और नैतिक रूप से भ्रष्ट न्यायाधीश के हाथों न्याय की हत्या करने का प्रयास किया गया है.
‘पूर्वाग्रह की पट्टी बांधकर न्याय किया’
पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि तोशाखाना मामले ने न्याय व्यवस्था के माथे पर एक और काला धब्बा लगा दिया है. पक्षपाती जज द्वारा इतिहास के सबसे बेतुके तरीके से मुकदमा चलाया गया. ट्रायल कोर्ट के जज ने पूर्वाग्रह की पट्टी बांधकर एक खास एजेंडे के तहत मामले के तथ्यों पर पट्टी बांध दी. सेशन कोर्ट का फैसला राजनीतिक बदले का सबसे खराब उदाहरण है. एक त्रुटिपूर्ण, हास्यास्पद और बिना ठोस कानूनी आधार वाले निर्णय के माध्यम से गणतंत्र और लोकतंत्र पर शर्मनाक आक्रमण किया गया. देश के सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय राजनीतिक नेता के खिलाफ इस तरह की साजिश और बदले की कोशिश को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा.
क्या है तोशाखाना मामला?
पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाने में रखे गए तोहफों को कम दाम पर खरीदने और फिर उन्हें बेचकर लाभ कमाने का आरोप लगा था. इमरान खान को साल 2018 में देश के पीएम के तौर पर यूरोप और खासकर अरब देशों की यात्रा के दौरान बहुत से कीमती तोहफे मिले थे. बहुत से गिफ्ट्स को इमरान ने डिक्लेयर ही नहीं किया, जबकि कई तोहफों को असल के काफी कम कीमत पर खरीद लिया और बाहर जाकर बड़ी कीमत पर बेच दिया.