डेंगू को लेकर छत्तीसगढ़ के स्कूलों में जारी की गई गाइडलाइन…यहां जानें बचाव के जरूरी उपाय
रायपुर। डेंगू से राजधानी में मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए गाइड लाइन जारी की गई है। बच्चों के माध्यम से डेंगू के खतरे का संदेश घर-घर पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा।
CMHO ने दी जानकारी
रायपुर CMHO मिथलेश चौधरी ने बताया की अंबेडकर अस्पताल और जिला अस्पताल में 30-30 बेड के दो वार्ड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा की तीन दिन होने के बाद भी अगर बुखार नहीं उतर रहा है तो घर पर रहकर इलाज न कराएं।
बुखार आने पर टेस्ट करवाएं
लगातार आ रहे बुखार में अस्पताल में भर्ती होकर टेस्ट करवाना ही बेहतर होगा। डेंगू में दवा लेने से बुखार उतर जाता है। इसलिए लोग घर पर रहकर इलाज करवाते हैं। पर तीन दिन से ज्यादा समय इंतजार नहीं करना चाहिए।
दुर्ग डेंगू मरीजों की संख्या 100 के पार
दुर्ग। जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 100 के पार हो चुकी है। इस आकड़े से अब पिछले 3 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है। बता दें कि दुर्ग के टाउनशिप में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। 101 डेंगू मरीजों में से 18 मरीजों का इलाज जारी है। दुर्ग में स्वास्थ विभाग की टीम घर घर सर्वे कर रही है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता जरूरी हो गई है। लापरवाही से बढ़ सकती है चिंता।
बिलासपुर डेंगू के 11 मरीज आये सामने
बिलासपुर में अब तक डेंगू के 11 मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं 16 संदिग्ध मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए लैंब भेजे गए हैं। 11 मरीजों में डेंगू होने की पुष्टि सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने की है। इन सभी मरीजों में सबसे अधिक मरीज ग्रमीम इलाकों से सामने आए हैं।
डेंगू से बचाव के लिए ये सबकुछ जरूरी
एक दिन से ज्यादा पानी स्टोर न होने दें।
पानी के हर बरतन को ढक कर रखें।
कूलर, नारियल के खोखले, नालियों में लंबे समय तक पानी जमा न होने दें।
आसपास खुले में पानी स्टोर न होने दें।
मच्छरदानी जरूर लगाएं।
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
निकायों से मिलने वाला कैमिकल कूलर में डालें।
इम्युनिटी अच्छी करने पौष्टिक आहार करें।
तेज बुखार आए तो डेंगू की जांच कराएं।।
खुद डॉक्टर न बने, योग्य डॉक्टर से मिलें।
डेंगू खतरनाक है, इससे बचने के जतन करें।