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सरकारों में लोकतंत्र खत्म करने की चल पड़ी है परंपरा : रघु ठाकुर

0 छत्तीसगढ़ में ज्वलंत मुद्दों को लेकर 3 दिनों तक धरना प्रदर्शन करने जा रही है लोसपा

रायपुर। समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा है कि चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य सरकारें, सभी जगह लोकतंत्र का स्पेस कम होता जा रहा है, जिसके चलते लोग अपने अधिकारों की लड़ाई तक नहीं लड़ पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में आदिवासी और किसान आज भी जमीनों के पट्टे से वंचित है, वही ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वच्छ पेयजल का अभाव है। इसके अलावा सिंचाई सुविधाएं भी अच्छी तरह नहीं मिल पा रही हैं। इन प्रमुख मुद्दों को लेकर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी धमतरी जिला मुख्यालय में 3 दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने जा रही है।

रायपुर प्रवास पर पहुंचे लोसपा प्रमुख रघु ठाकुर ने TRP NEWS से विशेष बातचीत में बताया कि ग्रामीण इलाकों और वनांचल में जो ग्रामीण और आदिवासी बरसों से काबिज हैं, उनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनका सर्वे होने के बाद भी उन्हें आज तक पट्टा नहीं मिला है। वहीं जिन्हें पट्टा मिल भी गया है उसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ में इस तरह की अव्यवस्था है। ग्रामीणों की इस तरह की मूलभूत जरूरतों को लेकर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के बैनर तले धमतरी जिला मुख्यालय में 13 से 15 सितंबर तक धरना-प्रदर्शन करेंगे।

‘देश में लोकतंत्र को दबाने का हो रहा है प्रयास’

रघु ठाकुर ने अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा कि चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्यों की, सभी के काम करने की प्रणाली एक तरह की ही है। पार्टियों के बीच सत्ता के लिए झगड़ा तो है, मगर लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए इनके बीच किसी तरह का विवाद नहीं है।

रघु ठाकुर ने दिल्ली के जंतर-मंतर का जिक्र करते हुए बताया कि वहां छोटे-बड़े कई आंदोलन होते रहे हैं, मगर आज वहां जाने का रास्ता बंद कर दिया गया है। वहां प्रदर्शन करने वालों को भी सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ता है। लोगों को धरनस्थल से जबरिया उठा दिया जाता है। ऐसे में जब लोग अपनी समस्याओं और मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से नहीं रख पाएंगे तो इसका क्या औचित्य।

राजधानी रायपुर का भी यही हाल

रघु ठाकुर ने बताया कि जो हाल दिल्ली के जंतर-मंतर का है वही हाल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरनस्थल का हो गया है। अपने मुद्दों को लेकर 3 दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने की योजना पहले रायपुर के बूढा पारा में करने की थी, मगर उन्होंने जाकर देखा तो वहां बड़े-बड़े गड्ढे खुदे हुए हैं। अब उन्हें कहा जा रहा है कि नया रायपुर में निर्धारित स्थल पर प्रदर्शन कर लीजिये। ऐसी जगह जहां पानी की सुविधा तक नहीं है, वो जगह पब्लिक प्लेस से दूर है, और हमारे पास वहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है, ऐसे में वहां धरना-प्रदर्शन का क्या औचित्य ? मजबूरन उन्हें प्रदर्शन के लिए स्थान बदलकर धमतरी तय करना पड़ा।

रघु ठाकुर ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो नहीं मगर उनके पिता नन्दलाल जी ने कई मुद्दों पर उनके साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया है।

गांवों में फैली हुई हैं संक्रामक बीमारियां

रघु ठाकुर ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में दंतेवाड़ा, कांकेर, धमतरी, सिंहावा सहित अनेक इलाको का दौरा किया। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांवों में आई फ्लू के अलावा मलेरिया और अन्य संक्रामक रोग फैले हुए हैं। ऐसे इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं, जिससे लोगों के जान-माल का नुकसान हो सकता है। वहीं गावों में पेयजल सुविधा के लिए लगाए गए हैंडपंप भी ख़राब हो चले हैं। इस वजह से लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। इसके अलावा गांवों में नहरें होने के बावजूद सिंचाई सुविधाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि खेतों तक पानी पहुँचाने के लिए छोटे नाले नहीं बनाये गए हैं।

रघु ठाकुर ने बताया की धमतरी में होने जा रहे धरना प्रदर्शन के माध्यम से ग्रामीण, आदिवासियों को पट्टे सहित स्वास्थ्य, पेयजल एवं सिंचाई सुविधाएं मुहैया करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा जायेगा। इस प्रदर्शन में आदिवासी बाहुल्य इलाकों के सैकड़ों लोग शामिल होंगे।

जानिए रघु ठाकुर के बारे में…

रघु ठाकुर का जन्म 10 जून 1946 का है. श्री रघु ठाकुर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, अब राष्ट्रीय संरक्षक हैं। उन्होंने एम ए, एल एल बी की शिक्षा हासिल की। डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात किए हुए प्रख्यात गांधीवादी एवं समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर महात्मा गांधी सम्मान से सम्मानित हैं।

देश में गांधीवादी-समाजवादी चिंतक के रूप में ख्याति प्राप्त समाजसेवी एवं राजनीतिज्ञ रघु ठाकुर विचारक, एक्टिविस्ट, जननेता के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी हैं। जनहित के हर मोर्चे पर खड़े दिखाई देने वाले रघु ठाकुर ने साहित्य सृजन का मार्ग क्यों चुना इस संबंध में वे स्वयं कहते हैं कि -‘‘साहित्य सृजन मेरे लिये अपनी संवेदनाओं से साक्षात्कार है। इसके माध्यम से मैं खुद को मांजता हूं तथा पाठकों के माध्यम से आमजन से संवाद करने का प्रयास करता हूं।

रघु ठाकुर के मन पर महात्मा गांधी की समाजवादी विचारधारा का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने राममनोहर लोहिया के विचारों को अपने मनोनुकूल पाया और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर लिया। अपने अध्ययन काल से आज तक वे दलित, दमित एवं वंचितों के पक्ष में आवाज़ उठाते रहे हैं।

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