छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

Chhattisgarh Assembly Election; भाजपा ने भटगांव को जीतने लक्ष्मी रजवाड़े को उतार मैदान में

Chhattisgarh Assembly Election 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने 21 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन्हीं में से एक विधानसभा सीट भटगांव भी है। जो सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। इसके बावजूद इस विधानसभा सीट में बीजेपी ने आदिवासी वर्ग की महिला प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है, कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े विधायक हैं।

लक्ष्मी राजवाड़े युवा महिला नेता हैं। लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान समय में सूरजपुर जिला पंचायत सदस्य है। जो लटोरी-सिलफिली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई थी। सूरजपुर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी लक्ष्मी राजवाड़े संभाल रहीं हैं। लक्ष्मी के पति ठाकुर राजवाड़े सूरजपुर जिले में ही ग्राम पंचायत में सचिव हैं।

भटगांव विधानसभा का भौगौलिक समीकरण

सूरजपुर जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस क्षेत्र में छोटी बड़ी 10 खदानों से कोयला उत्पादन होता है। इस जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र प्रतापपुर, प्रेमनगर और भटगांव है। इन तीनों ही विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है। प्रतापपुर से डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम, प्रेमनगर से खेलसाय सिंह और भटगांव विधानसभा से पारसनाथ राजवाड़े विधायक हैं।

भटगांव विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति

  • पुरुष मतदाता – 111934
  • महिला मतदाता – 110034
  • टोटल मतदाता – 221964

राजवाड़े फैक्टर करता है काम

भटगांव विधानसभा अनारक्षित सीट है। यहां ज्यादातर राजवाड़े समाज का फैक्टर काम आता है। यहां 30% आबादी राजवाड़े समाज की हैं। जिसके कारण यहां राजवाड़े समर्थन से ही विधायक जीत दर्ज करता है। इसमें गोंड, कवर, पंडो, चेरवा, पहाड़ी कोरवा समाज के लोग ज्यादा हैं। इस विधानसभा में 60 से 70 परसेंट आबादी ओबीसी एवं जनरल वर्ग से हैं. जिसमें जायसवाल, कुशवाहा, गुप्ता, मुस्लिम समाज के लोग पाए जाते हैं। अनारक्षित सीट होने की वजह से भी आज तक दोनों राष्ट्रीय दलों ने कभी भी सामान्य लोगों को टिकट नहीं दिया। यही कारण है कि यहां से हमेशा राजवाड़े समाज से नेता चुने जाते हैं।

भटगांव विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं

भटगांव विधानसभा चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। जिसके कारण यहां हाथियों के हमले का डर बना रहता है। लेकिन शासन प्रशासन ने इस ओर कदम नहीं उठाया। स्थानीय विधायक पारसनाथ राजवाड़े जनता के बीच ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। जिसके कारण अब पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ माहौल बनने लगा है। कोल माइंस होने के बाद भी इस क्षेत्र में विकास की कमी है। सड़क और पानी की समस्या क्षेत्र के गांवों में बनी हुई है।

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