गुजरात चुनाव में अशोक गहलोत थे अहम रणनीतिकार, उधर हिमाचल में सचिन पायलट कर गए खेला
हिमाचल चुनाव के नतीजे जारी होने के बाद कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया. चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है. पार्टी को यहां 40 सीटों पर सफलता मिली है. हिमाचल में कांग्रेस तो जीत गई है, लेकिन इसका असर राजस्थान की सियासत पर पड़ा है
हिमाचल में जीत मिली है तो गुजरात में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस की दो प्रमुख धुरी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के प्रदर्शन का भी आंकलन किया जा रहा है.
राजस्थान में हिल गई गहलोत की जमीन!
सियासी गलियारों में सभी मानते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. अशोक गहलोत गुजरात विधानसभा चुनाव के अहम रणनीतिकार की भूमिका में रहे. यहां पार्टी ने गहलोत के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजे बेहद निराशाजनक रहे. उधर, हिमाचल प्रदेश चुनाव पर नजर डाले तो सचिन पायलट प्रदेश में ऑब्जर्वर और स्टार प्रचारक की अहम भूमिका निभा रहे थे.
हिमाचल चुनाव में सचिन का रोल
बताया जाता है कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव में रणनीति बनाने में उनका अहम रोल रहा. हालांकि यहां प्रियंका गांधी ने भी चुनावी रणनीति को लेकर काफी अच्छा काम किया. सचिन पायलट को प्रियंका के साथ रणनीति बनाने और जीत दिलाने में अहम रोल माना जा रहा है. सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी के साथ मिलकर कई रैलियों को भी संबोधित किया था.
राजस्थान पर कैसे पड़ा है असर?
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को मिली सफलता और गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन का असर दिखना अब तय है. हिमाचल की जीत में पायलट की अहम भूमिका से कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच सचिन को लेकर नजरिया बदलेगा. पार्टी में उनकी छवि को लेकर सकरात्मक राय बनी है. उधर, गुजरात चुनाव में मुंहकी खाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. गहलोत की सियासी छवि को इससे नुकसान होने की पूरी संभावना है.