डॉक्टर की याचिका पर CGPSC को फटकार, हाईकोर्ट ने दिए नियुक्ति देने के निर्देश
बिलासपुर। नियमों की आड़ लेकर प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थी को वंचित करने पर सीजीपीएससी को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है और नियुक्ति देने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता डॉक्टर महेंद्र साहू ने 2014 की पीएससी परीक्षा में फॉरेंसिक साइंस वैज्ञानिक के पद की प्रतीक्षा सूची में दूसरा स्थान हासिल किया था। पहले स्थान पर शामिल अभ्यर्थी की नियुक्ति एक कॉलेज में व्याख्याता के पद पर हो चुकी थी, इसलिए उन्होंने पीएससी के पद को स्वीकार नहीं किया। इसके लिए उसे पर्याप्त समय दिया गया था। पहले स्थान के अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं होने पर दूसरे स्थान पर प्रतीक्षा सूची में शामिल साहू ने अपनी नियुक्ति के लिए सीजीपीएससी में आवेदन दिया। सीजीपीएससी ने इस पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर सहमति मांगी।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहमति देने में विलंब हो गया। इसके बाद सीजीपीएससी ने नियुक्ति देने से यह कहकर इंकार कर दिया की प्रतीक्षा सूची में नियुक्ति की वैधता 23 जून 2016 को समाप्त हो चुकी है। अभ्यर्थी ने इस पर पत्राचार किया और कहा कि विलंब इसकी ओर से नहीं बल्कि शासन और सीजीपीएससी के बीच पत्र व्यवहार में हुआ है। उसने नियुक्ति से इंकार करने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ लोक सेवा आयोग को फटकार लगाई कि नियमों की आड़ लेकर परिश्रम के बाद चयन के मौके तक पहुंचे अभ्यर्थी को अवसर देने से वंचित नहीं किया जा सकता।