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Chhattisgarh : जनपद पंचायत सूरजपुर के अध्यक्ष के खिलाफ पारित हुआ अविश्वास प्रस्ताव, जगलाल सिंह देहाती को गंवानी पड़ी कुर्सी

सूरजपुर जिले में जनपद पंचायत सूरजपुर के अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती व उपाध्यक्ष नरेन्द्र यादव के खिलाफ जनपद सदस्यों के द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में पहले अध्यक्ष के लिए हुए मतदान में 25 जनपद सदस्यों में से 23 सदस्यों की उपस्थिति में वोटिंग हुई. जिला पंचायत के सभाकक्ष में बुलाये गये सम्मेलन में डिप्टी कलेक्टर वर्षा बंसल को कलेक्टर सूरजपुर ने पीठासीन अधिकारी बनाया था और उनकी अध्यक्षता में हुई वोटिंग में अध्यक्ष के विरूद्ध लाया गया प्रस्ताव पारित हुआ और जपं अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती अपनी कुर्सी बचाने में असफल रहे.

बता दे कि बीते माह दिसम्बर में जनपद पंचायत सूरजपुर के 22 सदस्यों ने राशि के आबंटन में भेदभाव व मनमानी करने का आरोप लगाते हुए जपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. चूंकि उस दौरान कलेक्टर सूरजपुर संजय अग्रवाल थे और उनके समक्ष जपं सदस्यों ने हस्ताक्षर सत्यापन कर अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने की मुहर लगाई थी. जिस पर कलेक्टर ने अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लिए 10 जनवरी व उपाध्यक्ष के लिए 11 जनवरी की तिथि नियत की थी. जिसके परिपालन में दस जनवरी को डिप्टी कलेक्टर वर्षा बंसल की अध्यक्षता में बुलाये गये सम्मेलन में 23 जनपद सदस्यों में से 21 जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और दो मत निरस्त हुए.

जपं अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती को गंवानी पड़ी कुर्सी
मतदान के बाद जपं अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती अपनी कुर्सी नहीं बचा पाये और उन्हें पद से वंचित होना पड़ा है. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान ही जपं अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा जारी किया था, किन्तु कलेक्टर के नाम जारी उक्त पत्र को उन्होंने जिलाधीश कार्यालय में दिया नहीं. विदित हो कि जपं अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती कांग्रेस खेमे से थे और पूर्व जिलाध्यक्ष विंध्येश्वर शरण सिंहदेव के करीबी थे. किन्तु कुछ समय से पार्टी के विरोधी गतिविधियों तथा विधानसभा चुनाव के पूर्व जोगी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लेने से कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी उनसे नाराज थे. मतदान के दौरान इसका सीधा असर भी देखने को मिला. कांग्रेस संगठन से कोई भी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अविश्वास प्रस्ताव के मतदान के दौरान जनपद अध्यक्ष की ओर से वहां खड़ा नहीं था. मतदान के दौरान अकेले पड़े जनपद अध्यक्ष को अपनी कार्य प्रणाली का खामियाजा भुगतना पड़ा.

बता दे कि जपं अध्यक्ष जगलाल सिंह देहाती अपनी विवादित कार्य प्रणाली के कारण लगातार पार्टी पर प्रहार भी कर रहे थे. एक बार सम्मान न मिलने पर उन्होंने स्वयं ही जूतों की माला पहन ली और जपं के अध्यक्ष कार्यालय में जाकर बैठ गये. जिससे पार्टी व जपं अध्यक्ष की काफी भद भी पिटी थी. अब सत्ता परिर्वतन के साथ ही नए अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस खेमे ने भी विरोधियों को मौन सहमति दे दी और जनपद अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया.

जपं उपाध्यक्ष के खिलाफ होगा मतदान
अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे चरण में 11 जनवरी को जनपद उपाध्यक्ष व युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र यादव के खिलाफ प्रस्ताव पर जिला पंचायत सभाकक्ष में मतदान आहूत है. 25 सदस्यों वाली जनपद पंचायत में आज मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी प्रियंका रानी गुप्ता के द्वारा सभी को सूचना जारी कर दी गई है. प्रातः 11 बजे से सम्मेलन आहूत किया गया. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष व विपक्ष में आज मतदान को लेकर राजनीतिक दलों में गहमा-गहमी बनी हुई है. बहरहाल जपं उपाध्यक्ष को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुल उपस्थित का दो तिहाई मत की आवश्यकता पड़ेगी.

अध्यक्ष के लिए जोड़-तोड़ शुरू
अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही अब भाजपा खेमे में अध्यक्ष पद को लेकर तोड़-तोड़ के साथ जनपद सदस्यों के नाम सामने आने लगे हैं. राजनीतिक दलों की सुगबुगाहट माने तों कांग्रेस खेमे की सपकरा क्षेत्र की जपं सदस्य समिता आर्मो तथा भाजपा खेमे से मानी क्षेत्र की जपं सदस्य पुष्पा सिंह के नाम की चर्चा है. बहरहाल अब अध्यक्ष पद के लिए सदस्यों के द्वारा निर्वाचन की कार्यवाही कब होगी. इस मामले को लेकर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा आगामी तिथि घोषित कर सम्मेलन बुलाया जायेगा.

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