भागवत कथा धर्म नगरी आरंग ; काम, कोध्र, लोभ, मोह ये चारों मन में पैदा करते हैं विकार : पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज
NEWS 36 @ आरंग | भले ही भगवान राम और कृष्ण अलग-अलग युग में आए हो पर उनका उद्देश्य भक्तों को धर्म से जोड़कर रखना व धर्म के प्रति जागरूक बनाए रखना ही था। उक्त बातें हाईस्कूल रोड दशहरा मैदान धर्म नगरी आरंग में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथावाचक आचार्य पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कही।
व्यास पीठ से कथा का रसपान कराते हुए भागवत भूषण ने कहा कि काम, कोध्र, लोभ, मोह इन चारों चीजों से मन में विकार पैदा होता है। इसलिए इनसे मनुष्य को दूर रहना चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि संत भक्तों को भगवान तक पहुंचाने वाले सच्चे मार्गदर्शक की तरह होता है। संत अपने भक्तों की जीवन में परिवर्तन लाकर उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि, मर्यादा का पालन, घर, परिवार व धर्म को कैसे निभाना चाहिए यह हमें भगवान राम से सीखनी चाहिए। छोटे-बड़े से कैसे आचरण करे, कैसे व्यवहार करें यह हमें भगवान राम के आचरण से सीखनी चाहिए।
इस दौरान जब उन्होंने कथा को विस्तार से बताया तो भक्त भावविभोर हो उठे। कथा के बीच-बीच में प्रस्तुत एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों में श्रोताएं जमकर झूमते नाचते नजर आए। प्रतिदिन कथा का श्रवण करने बड़ी संख्या में रसिक श्रोताएं कथा पंडाल पहुंच रहे हैं। दूर-दूर से भी हजारों की संख्या में श्रद्वालु रोज पहुंच रहे हैं। कथा का आयोजन 10 से 17 दिसंबर तक होगा।