विधानसभा में गूंजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों का मुद्दा, विधायक लखेश्वर बघेल ने कामों को रोकने का लगाया आरोप…देखे सदन की कार्रवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के छठे दिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण में हुए कार्यों का मुद्दा गूंजा। साथ ही नवा रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अपात्र कंपनियों को काम दिए का मामला गरमाया।
देखे सदन की कार्रवाई
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने पूछा कि राज्य के आदिवासी विकास प्राधिकरणों के द्वारा वर्ष 2023 से 10 जनवरी 2024 तक कुल कितने कार्य व राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कम राशि के छोटे-छोटे कार्यों को रोक दिया गया है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि जहां ले आउट नहीं हुआ था, उसे निरस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि नई सरकार आई है, हम लोगों की मंशा के अनुसार फिर से इस पर विचार करेंगे। नए प्राधिकरण का गठन होगा इसमें आप भी शामिल होंगे आपकी मंशा के अनुसार फिर काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने पुरानी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बहुत सी जगह बिना काम के 40% राशि निकाल दी गई है।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मोती लाल साहू ने प्रयास स्कूलों की स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रयास आवासीय स्कूलों में हुई अनियमितता की जांच और कार्रवाई की मांग की। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जो निर्णय भाजपा के सरकार में हुए हैं। वह 2018 तक जारी था। सरकार बदलने के बाद परीक्षा परिणाम में गिरावट दर्ज की गई। नेताम ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
वहीं भाजपा विधायक भावना बोहरा ने ओपीएस की सहमति देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियमित राशि जमा नहीं होने पर खातों को जीवित रखने के प्रविधानों के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत अब तक किसी भी कर्मचारी को पेंशन क्यों नहीं दी गई है। वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि तत्कालीन सरकार ने नियम बनाया था कि एनपीस की राशि जमा करने के बाद ही पेंशन दी जाएगी। पैसा जमा नहीं किए जाने कारण अब तक पैसा नहीं दिया गया है।