Chhattisgarh News – गो-सेवक का गला काटने का तरीका था ISIS जैसा, 2 आरोपियों का आतंकी कनेक्शन, UAPA के तहत FIR
Chhattisgarh News – कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में बीते महीने एक गौ सेवक साधराम यादव की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के आरोप में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। रविवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी अयाज खान पर आंतकवादी संलिप्तता मे शामिल होने का खुलासा करते हुए। उसके खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि, मुख्य आरोपी अयाज खान के मोबाइल और लेपटॉप में कई ऐसे अहम सबूत मिले हैं। जो उसकी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की तरफ इंगित करते हैं। अब पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह प्रदेश का पहला मामला होगा जिसमें UAPA एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। 20 जनवरी की देर रात आरोपियों ने साधराम की गला रेतकर हत्या कर दी थी। गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों के खिलाफ आंतकवादी संलिप्तता के तहत कार्रवाई की गयी है।
आतंकवादी गिरोहों से था संपर्क – एसपी पल्लव
इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि, मुख्य आरोपी अयाज खान की जब सघन जांच की गई तो उसके मोबाइल, लैपटॉप और ट्रेवल हिस्ट्री से हमें पता चला कि, वह लगातार कश्मीर जाता-आता रहता था। उसका उठना-बैठना ऐसे लोगों के साथ था जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे। उन्होंने आगे कहा कि, 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन था। ऐसे में इनका उद्देश्य हिंदू समुदाय को आतंकित करना था। साथ ही इनके हत्या करने का तरीका ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों से मिलता जुलता है। ये सभी लोग रेडिकल थे और इनका उदेश्य भय कायम करना था। अब इन सभी आरोपियों खिलाफ आतंकवादी मामले में संलिप्तता के चलते एक और मामला दर्ज किया गया है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है। वहीं UAPA लगने के बाद एक बार फिर साधराम हत्याकांड का मामला तुल पकड़ते हुए नजर आ रहा।
क्या था पूरा मामला ?
दरअसल, कवर्धा से लगे लालपुर गांव में मवेशी चरवाहा साधराम यादव की 20 जनवरी की रात गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के 1 नाबालिग समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेजा। घटना के बाद शहर में तनाव का माहौल बना था।
परिवार ने लौटाया 5 लाख का चेक
बता दें कि इस वारदात के बाद विहिप और बजरंग ने कवर्धा बंद चक्काजाम कर दोषियों को फांसी की सजा की मांग की। लगातार विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं मृतक के परिवार ने शासन से मिले 5 लाख का चेक लौटा दिया था। फांसी की मांग की थी।
क्या है UAPA कानून ?
UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) की धारा-16 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है। इसमें आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है। इसमें उम्रकैद तक हो सकती है। वहीं, UAPA की धारा 18 के तहत आतंकी घटना के षड्यंत्र को परिभाषित किया गया है।
UAPA की धारा 16 में आतंकी कृत्य के लिए सजा
अगर ऐसे कार्य के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और जुर्माना
किसी अन्य मामले में कारावास की सजा होगी, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम नहीं होगी। उसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है
क्यों लगाया गया UAPA कानून
UAPA कानून को आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए 1967 में लाया गया था। इस कानून के तहत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है, जो आतंकी गतिविधियों में संदिग्ध होते हैं। UAPA कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी को संदिग्ध या फिर आरोपी की संपत्ति जब्त या फिर कुर्क करने का अधिकार देता है।
UAPA कानून संविधान के अनुच्छेद-19(1) के तहत मौलिक अधिकारों पर तर्कसंगत सीमाएं लगाने के इरादे से पेश किया गया था। UAPA का मकसद देश की देश की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार को अधिकार देना है।