इस मसले परे केदार कश्यप पर भड़के चरणदास महंत,सदन में गूंजा ‘शेम शेम‘…देखे सदन की कार्रवाई
सदन के 12 वें दिन की कार्रवाई में प्रश्नकाल के दौरान ही गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत के मामले को नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने उठाया। उन्होंने पूछा- गोमर्डा अभयारण्य में कैसे हुई बाघ की मौत? वन विभाग को कब मिली मौत की जानकारी? वनमंत्री केदार कश्यप जानकारी देते हुए बताया कि, बिजली तार की चपेट में आकर बाघ की मौत हुई, उन्होंने कहा कि, जंगली सुअर के शिकार के लिए ग्रामीणों ने तार बिछाया था, जिसकी चपेट में बाघ आ गया। उन्होंने आगे बताया कि, 16 से 18 जनवरी के बीच बाघ की मौत हुई। 19 जनवरी को विभाग को सूचना मिली। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के सवाल की स्पीकर डा. रमन सिंह ने सराहना करते हुए कहा कि, चरणदास महंत मूक पशुओं की भी चिंता करते हैं। इस पर भाजपा धर्मजीत सिंह ने कहा- चरणदास महंत को मूक पशुओं से प्रेम है, इन्हें विद्याचरण शुक्ल की तरह शेर पालना चाहिए। धर्मजीत के शेर पालने की सलाह पर चरणदास महंत ने कहा- मेरा राजपरिवार से संबंध नहीं है। मैं शेर नहीं पालना चाहता।
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बाघ की मौत पर महंत ने लगाए गंभीर आरोप
गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत को लेकर चरणदास महंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि, वन विभाग गलत जानकारी दे रहा है। ट्रेप कैमरे से लगातार बाघ की निगरानी की गई, बाघ की मौत के मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उनहोंने कहा- जेड प्लस वाले बाघ के संबंध में भी जानकारी नहीं है। न्यायिक जांच को लेकर गलत जानकारी दी गई। विधायकों की समिति से पूरे मामले की जांच कराई जाए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत तंज कसते हुए कहा कि, कहा- आपके वन विभाग में बहुत से सुअर आ गए हैं। एक बार इन सुअरों की भी गिनती करवा लें।
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