Chhattisgarh : बारूद फैक्ट्री हादसा को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना हुई मुखर, न्याय नहीं मिलने पर प्रदेशभर में उग्र आंदोलन की चेतावनी
Chhattisgarh : बेमेतरा ज़िला के पिरदा गाँव के बारूद फ़ेक्ट्री में धमाका हुए दो दिन बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार और ज़िला प्रशासन के ढुलमुल रवैये के खिलाफ छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने कमर कसते हुए चेतावनी दी है कि प्रत्येक मृतक के परिवारजन को सरकारी नौकरी प्रदान किया ज़ाय माँगे नहीं मानने पर शांतिपूर्ण आंदोलन के बजाय प्रदेशभर के हज़ारों सेनानी उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाऐंगे क्रांति सेना का आरोप है कि अब तक न तो मृतकों की सही सही संख्या बताई और न ही घायलों की जानकारी दी है । क्रांति सेना के मुताबिक़ फ़ेक्ट्री में 400 मजदूर तीन ठेकेदारों के अंदर काम करते हैं लेकिन इनमें से कितने मजदूर घटना के समय फ़ैक्ट्री में मौजूद थे इसकी जानकारी छुपाई जा रही है क्योकि एंट्री रजिस्टर और सीसीटीवी से डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई है ।
छत्तीसगढ़ियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार – डॉ अजय यादव
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना घटना के दिन शनिवार से ही फ़ेक्ट्री के सामने आंदोलन कर रहा है और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रत्येक हताहतों को 50 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाती है । प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय यादव ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित किए गए पाँच लाख के मुआवजा को हास्यास्पद बताया और कहा कि छत्तीसगढ़िया के जीव की क़ीमत सरकार ने पाँच लाख लगाई है जो हम छत्तीसगढ़ियों के साथ किए जा रहे दोयम दर्जे के व्यवहार को दिखाता है ।
मज़दूरों को फ़ैक्ट्री गेट के सामने दी गई श्रद्धांजलि
घटना के 48 घंटों बाद बेमेतरा के कलेक्टर और पुलिस प्रशासन ने अमित बघेल के साथ बैठक कर ग्रामीणों की माँगों को पूछा हैं लेकिन अभी तक ग्रामीणों की माँग मानी नहीं गई है । ज़िला प्रशासन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भेजे गये 5 लाख रुपए के चेक को पीड़ित ग्रामीणों के घर जाकर दे रहे हैं जिसे आक्रोशित ग्रामीण वापस कर दिये । छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने पिरदा गाँव के आठ मृतक मज़दूरों को फ़ैक्ट्री गेट के सामने श्रद्धांजलि दी और छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी दिया कि तत्काल फ़ेक्ट्री को पूर्णतः सील किया जाये मालिक और प्रबंधन को गिरफ़्तार किया जाये , प्रत्येक मृतक एवम घायलों को 50 लाख रुपए मुआवजा दे और प्रत्येक मृतक के परिवार जन को सरकारी नौकरी प्रदान किया ज़ाय माँगे नहीं मानने पर शांतिपूर्ण आंदोलन के बजाय प्रदेशभर के हज़ारों सेनानी उग्र आंदोलन करेंगे ।
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