वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत् नियद नेल्लानार ग्रामों सरपंच सचिवों का का एक दिवसीय कार्यशाला संपन्नवनाअधिकार मान्यता पत्रों का किया जाएगा वितरण
नारायणपुर, 05 अगस्त 2024 // वन अधिकार अधिनियम 2006 पारंपरिक वन-निवास समुदायों और आदिवासी आबादी के अधिकारों से संबंधित चिंताओं से संबंधित है, जिन्हें भारत में औपनिवेशिक काल के वन कानूनों के जारी रहने के कारण दशकों से उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के कानून को आधिकारिक तौर पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के रूप में जाना जाता है। यह अधिनियम 29 दिसंबर 2006 से लागू हुआ है। इस अधिनियम का उद्देश्य जंगलों में रहने वाले समुदायों के खिलाफ किए गए पिछले गलतियों और अन्याय को दूर करने के लिए अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक वनवासियों की भूमि के कार्यकाल, आजीविका के साधन और खाद्य सुरक्षा की गारंटी देना और वन अधिकार धारकों को पारिस्थितिक संतुलन, जैव विविधता संरक्षण और सतत उपयोग के लिए जिम्मेदारी और शक्ति देकर वन संरक्षण की व्यवस्था को मजबूत बनाना है।
इसी के तहत्छत्तीसगढ़ आदिम जाति कल्याण विभाग के निर्देशानुसार नियद नेल्लानार योजनांतर्गत ग्राम को संर्वागिण विकास के लिए ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के सदस्यों एवं ग्राम प्रमुखों के मध्य बेहत्तर समन्वय स्थाापित करने हेतु ग्राम के संपूर्ण गतिविधियों को अवगत कराने के उद्देश्य से ग्रामवासियों को मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा 05 अगस्त को अपर कलेक्टर श्री बिरेन्द्र बहादुर के निर्देशानुसार सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहायक आयुक्त श्री बद्रीष सुखदेवे के अध्यक्षता में जिला पंचातय के सभाकक्ष में नियद नेल्लानार अंतर्गत आने वाले समस्त 14 ग्रामों के ग्राम स्तरीय वनअधिकार समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं ग्राम सचिव, सरपंचों की बैठक आयोजित किया गया। बैठक में सामाजिक कार्यकर्त्ता, लोकप्रशिक्षक मास्टर ट्रेनर श्री प्रमोद पोटाई एवं तहसीदार कोहकामेटा श्री सौरभ कश्यप एवं अनुविभागीय अधिकारी वन (उपवनमण्डल दक्षिण नारायणपुर) के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिसमें नियद नेल्लानार अंतर्गत आनेवाले के शतप्रतिशत परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु समितियों का पुनर्गगठन एवं वनअधिकार मान्यता पत्रकों का वितरण, वनप्रबंधन समितियों का गठन एवं प्रशिक्षण, वनअधिकार मान्यता पत्रों के वितरण उपरान्त शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे अभिसरण मद अंतर्गत भूमि समतलीकरण एवं मेढ़ बंधान संबंधी कार्य, मनरेगा के तहत् किए जाने वाले कार्य (पशुपालन हेतु शेड निर्माण इत्यादि), सिंचाई हेतु स्वीकृत कार्य (नलकूप, कंुआ, स्टापडेम इत्यादि), पशु पालन विभाग के तहत् (पशुपालन, बकरी पालन), क्रेढ़ा विभाग के तहत् (सौर सुजला योजना), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), वितरित भूमि में विभिन्न विभागों के अभिसरण से किए जाने वाले विकास कार्यों, खाद एवं बीज हेतु स्वीकृत सहायता, कृषि उपकरण हेतु स्वीकृत सहायता, किसान क्रेडिट कार्ड), फसल बीमा योजना, फसल बिक्री हेतु पंजीयन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, वनविभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यों के संबंध में बेहतर संवाद स्थापित करते हुये उन्हें अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन संबंधी विस्तृत चर्चा कर जानकारी एवं मार्गदर्शन दिया गया।