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अजीबो गरीब मामला : छत्तीसगढ़ में साल भर पहले किया था अंतिम संस्कार अब जीवित लौटी महिला व बच्चे,पुलिस के भी उड़े होश

मंगलेश डनसेना । रायगढ़ जिले में पिछले साल खरसिया के देहजरी नाले में मिली महिला व दो बच्चियों की लाश को एक परिवार ने घर से लापता मां-बेटियां समझ कर उसका रीति रिवाज से कफन- दफन कर दिया। इसके कुछ माह बाद तीनों मां-बेटियां जिंदा घर लौटी तो परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। जीवित मां बेटियों और मृत महिला व बच्चियों की हुबहू तस्वीर सामने देख पुलिस भी दंग है। वहीं मरने वाली कौन हैं इसका रहस्य अब तक बरकरार है।

हिंदी फिल्मों में एक जैसी सूरत और डबल रोल वाली कहानियों की तरह ही रायगढ़ पुलिस भी एक मामले में उलझ गई है। दरअसल सोमवार, 14 अगस्त 2023 की दोपहर करीब 1 बजे खरसिया के देहजरी गांव स्थित नाला के पास एक महिला व दो बच्चियों की लाश मिली थी। उस वक्त मृतका की पहचान नहीं हो पाने से पुलिस की परेशानी बढ़ गई थी। तीन दिनों तक तीनों के शव को खरसिया अस्पताल के मर्चुरी में रखा गया था। वहीं उनकी शिनाख्ती के लिए आसपास के गांवों में मुनादी करा कर सोशल मीडिया में उनका फोटो वायरल किया गया था। जिसके बाद महिला के परिजन पहुंचे और शव की शिनाख्ती भी की। तब मृतका के तथाकथित मायके व ससुराल पक्ष (परिजन) ने बताया कि महिला राबिया परवीन पति अबुल हसन (35) ग्राम बासेन, थाना पास्ता, जिला बलरामपुर की रहने वाली है। उसके चार बच्चे थे। जिसमें गुलस्सा परवीन (3), सीजरा परवीन (6) के अलावा एक लड़का व लड़की शामिल हैं। 8 अगस्त की शाम राबिया अपने दो बेटियों गुलस्सा और सीजरा को लेकर बिना बताए घर से निकली थी। इसी बीच पति की एक बार राबिया से फोन पर बात हुई तो उसने कहा कि वह अपने मायके गढ़वा झारखंड जा रही है। इसके बाद उसने फोन को बंद कर दिया। तब से उसका फोन बंद आ रहा था। इसी बीच उनके लाश की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई तो परिजनों के होश उड़ गए। जिसके बाद तीनों शवों का पीएम करा कर तथाकथित परिजन उन्हें अपने घर ले गए और उनका कफन दफन कर दिया।

जब जिंदा लौटी तो मामले में आया मोड़
राबिया और उसकी दो बेटियों की मौत के बाद उसके परिजन सदमें थे। तभी कुछ माह बाद अचानक एक दिन राबिया अपनी बेटियों के साथ जिंदा घर लौटी तो परिजन सकते में आ गए। उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सभी यह सोच में पड़ गए कि जिनका कफन-दफन करके आए हैं वो आखिर जिंदा कैसे हो सकते है। वहीं अगर ये तीनों जिंदा हैं तो फिर जिनका उन्होंने कफन-दफन किया है वो कौन है, यह सवाल उनके परिजन के मन में चलने लगा। इसके बाद मामले की सूचना खरसिया पुलिस को दी गई। खरसिया पुलिस भी बलरामपुर पहुंची तो उन्हें जिंदा देख चौक गई। पुलिस ने मृत महिला व दोनों बच्चियों की फोटो जिंदा महिला व उसकी बच्चियों से मिलाया तो सभी 6 हुबहू थे।

कमाने खाने गई थी राजस्थान
राबिया ने पुलिस को बताया कि वो और वो उसका पति दोनों टेलर का काम हैं। टेलर के काम से उनका घर, बच्चों की पढ़ाई व लालन-पालन ठीक से नहीं हो पा रहा था। जिससे दोनों पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। ऐसे में वह अपने दो बच्चियों को लेकर कमाने-खाने राजस्थान चली गई थी। जहां ठेकेदार द्वारा उसे पैसे भी नहीं दिए जा रहे थे और दबापूर्वक काम कराया जा रहा था। वहीं उसके मोबाइल को भी ठेकेदार रख लिया था, जिससे वह घर में संपर्क नहीं कर पा रही थी। किसी तरह वह अपनी बच्चियों को लेकर वहां से भाग कर घर लौटी।

इस मामले में बलरामपुर के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि वो उसकी पत्नी व बच्चियां हैं। अब जब उसकी पत्नी व बच्चियां लौट आई तो वह कह रहा है कि वो वैसी ही दिख रहीं थी। मृत महिला व बच्चियों के डीएनए सहित अन्य टेस्ट के आधार पर उनकी पानी में डूब कर मौत हुई थी। चूंकि अब तक तीनों अज्ञात हैं इसलिए दीगर जिलों व राज्यों में उनकी पहचान के लिए ईश्तहार जारी किए हैं। –प्रभात पटेल, एसडीओपी, खरसिया

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