Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा निरस्त करने की अपील हाईकोर्ट में खारिज
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा निरस्त करने की अपील हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले को सही बताया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि, असफल परीक्षार्थी भर्ती निरस्त करने की अपील नहीं कर सकते हैं।
रायपुर में अभ्यर्थी कर रहे है आंदोलन
बिलासपुर हाईकोर्ट के इस फैसले से परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले सिंगल बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को 45 दिन में पूरा करने के लिए निर्देश दिया था। इसके बाद भी नियुक्ति आदेश नहीं जारी होने से नाराज अभ्यर्थी इन दिनों रायपुर में आंदोलन कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा- कानूनी स्थिति और तथ्यों के मद्देनजर संपूर्ण चयन प्रक्रिया को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है। बेंच ने कहा- कानूनी स्थिति और तथ्यों के मद्देनजर संपूर्ण चयन प्रक्रिया को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है।
90 दिनों में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के हैं आदेश
दरअसल, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने SI भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि, प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिला उम्मीदवारों को हटाया जाए। उनकी जगह वंचित पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लेकर मेरिट के आधार पर नियुक्ति आदेश जारी करें। पढ़ें पूरी खबर…
असफल परीक्षार्थियों ने की थी अपील
भर्ती परीक्षा में असफल उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की थी। इसमें कहा गया था कि जब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें 975 पद रिक्त बताए गए थे। इसमें से 247 पद प्लाटून कमांडर के लिए आरक्षित था। इस आधार पर 1235 पुरुष उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल करना था। नियमानुसार प्लाटून कमांडर पद के लिए अलग से मैरिट सूची जारी करना था। महिला उम्मीदवार पात्र नहीं थे। इसके बाद भी उन्हें इस पद में शामिल किया गया, जिसकी वजह से पात्र पुरुष उम्मीदवार मुख्य परीक्षा से वंचित हो गए। ऐसे में भर्ती निरस्त कर मुख्य परीक्षा से वंचित आवेदकों को भी मौका दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि सिंगल बेंच के निर्णय में कोई अनियमितता या अवैधानिकता नहीं है। मामले की कानूनी स्थिति और तथ्यों के मद्देनजर संपूर्ण चयन प्रक्रिया को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है, इसलिए यह आदेश सही है। डबल बेंच ने सिंगल बैंच के फैसले को सही ठहराते हुए अपील को खारिज कर दी।
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