Kawardha Loharidih Case : कवर्धा के लोहारीडीह कांड का पूरा सच…देखे घटना के पीछे की INSIDE STORY
Kawardha Loharidih Case : छत्तीसगढ़ की राजनीति इन दिनों कर्वधा को लेकर उबाल पर है यही कवर्धा… जो पिछले कुछ सालों में किसी न किसी मुद्दे को लेकर चर्चा में बना ही रहता है…. अब इसी कवर्धा का लोहारीडीह गांव सुर्खियों में है…. कारण पांच दिनों में तीन लोगो की मौत….मामले में उबाल तब ज्यादा आया जब घर जला कर हत्या करने वाले आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत हो जाती है…..कांग्रेस मुद्दे को लेकर भाजपा को चौतरफा घेरने में लगी है … मामले में एसपी और कलेक्टर समेंत पूरे थाने के पुलिसकर्मी निपटा दिए गए है, सरकार मुआवजा का चेक पीड़ित परिजनों को सौंप चुकी है, कांग्रेस छत्तीसगढ़ बंद करवा चुकी है, 15 सितंबर से लेकर अब तक आखिर क्या क्या गुजरा …..तीनो मौतों के आखिर कौन है गुनाहगार….पुलिस की कार्यप्रणाली पर आमजन में क्यों है गुस्सा…देखे पूरे घटनाक्रम की ईनसाइ़ड स्टोरी
करीब 1 हजार की आबादी वाले कवर्धा के गांव लोहारीडीह में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है, गांव के ज्यादातर घरों में ताले लटके हुए है और जिन मकानों में ताले नहीं लगे है उनके दरवाजे बंद है । पूरे गांव में एक अजीब सी चुप्पी है …सन्नाटा है…. गांव के कई लोग घर छोड़ कर जा चुके है ….ऐसा शायद इसलिए कि हजार आबादी वाले गांव मे 161 लोगो के उपर एफआईआऱ दर्ज की गई है …गांव की गलिया नेताओं के लाव लश्कर के शोर शराबे की अब आदी हो चुकी है
आईए पहले जान लेते है कि आखिर इतने बड़े घटनाक्रम की शरुआत कैसे हुई…. 15 सितंबर याने रविवार को कवर्धा के लोहारीडीह के रहने वाले शिवप्रकाश साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या के शक में गांव वालों ने यहां के उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर पर आग लगाकर उसे जिंदा जला दिया। शिवप्रकाश उर्फ कचरु साहू की लाश कवर्धा से सटे मध्यप्रदेश के इलाके में पेड़ से लटकते हुए मिली थी,हालांकि पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है फिलहाल इसकी जांच एमपी और छत्तीसगढ़ दोनो जगहे की पुलिस कर रही ह…. कचरु साहू के परिजन हत्या की वजह उप सरपंच रघुनाथ साहू को मान रहे थे नतीजन गुस्से में कचरु साहू के परिजन रघुनाथ साहू के घर पर हमला बोल देती है…. घर को आग के हवाले कर देती है यहां रघुनाथ के जले हुए घर पर हिंसा की तपिश अब भी महसूस की जा सकती है। चारों तरफ सामान बिखरे पड़े थे, घर के भीतर घुसकर साइकिल और बाइक तक जला दी गई। इसी घटना में रघुनाथ साहू की मौत हो जाती है…. घटना के दौरान गांव में लोगों ने पुलिस को घुसने नहीं दिया। पुलिस उपर पथराव किया गया जिसमें SP अभिषेक पल्लव समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। गांव में ऐसी चर्चा है कि लोहारीडीह गांव में उप सरपंच रघुनाथ और शिव प्रकाश के बीच वर्षों पुरानी रंजिश थी, ऐसा माना जा रहा है कि पॉलिटिकल वॉर और वर्चस्व की लड़ाई में मॉब लिंचिंग हुई है। पुलिस ने 161 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। वहीं 60 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें प्रशांत साहू भी शामिल था।यह वही प्रशांत साहू है जिसकी पुलिस कस्टडी में मौत के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में जमकर उबाल आने लगा
कचरु साहू के हत्या के शक में जिस कमरे में उपसरपंच रघुनाथ को जिंदा जलाया गया वहां का मंजर देखके अब भी दिल सहम सा जाता है ….आग की वजह से कच्चे मकान की छत आधी ढह गई थी। रघुनाथ की मां भगोतिया जो इसी गांव की सरपंच है जबकि रघुनाथ खुद उप सरपंच था…… रघुनाथ बीजेपी में भी जिला स्तर के महत्वपूर्ण पदों पर रहा है। उसके पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से भी अच्छे कनेक्शन थे।…. जिस समय भीड़ ने उप सरपंच के घर पर हमला किया, रघुनाथ घर के अंदर मौजूद था और अपनी जान बचाने के लिए खपरैल वाले कमरे में छिपा हुआ था।… रघुनाथ ने भीड़ आती देख घर पर मौजूद सभी सदस्यों को छिपने के लिए कहा और खुद छत पर जाकर छिप गया ….भीड़ गाली-गलौज देते हुए घर का मेन गेट तोड़कर अंदर दाखिल हुई….भीड़ की अगुवाई विजय साहू, गौकरण साहू, चिंता साहू, नेहरू साहू, गौतम साहू, नरेश साहू, पप्पू साहू और घनश्याम साहू समेत कुछ महिलाएं भी कर रही थी।…. इन लोगों ने टीम बनाई और घर पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। …..भीड़ आंगन में दाखिल हुई तो सरपंच भगवतियां बाई उन्हें बैठी नजर आई। ….भीड़ में मौजूद महिलाओं ने भगवतियां बाई को पकड़ा और तब तक मारा जब तो वो बेहोश नहीं हुई।…. बेहोश होने पर भगवतियां बाई को मरा हुआ समझकर छोड़ दिया और घर में मौजूद साले, उसकी पत्नी और घर के बच्चों से मारपीट शुरू कर दी इस दौरान कचरू साहू के चाचा ने पैरा में आग लगाया और लकड़ी से कच्चे मकान के ऊपर बने खपरैल पर आग लगा दिया। ….ऐसा बताया जा रहा है कि शिवप्रकाश साहू का छोटा भाई परमेश्वर साहू पेट्रोल लेकर आया और छिड़कना शुरू कर दिया। पेट्रोल छिड़कने और पैरा से आग लगाने पर पूरा घर जल गया। भीड़ में शामिल आरोपियों ने कमरा खोलने का प्रयास किया। कमरा नहीं खुला तो आरोपियों ने पेट्रोल छिड़ककर पूरे घर पर आग लगा दी। आगजनी में जिंदा जले उपसरपंच की लाश के अवशेष घटना के 16 घंटे बाद पुलिस ने बरामद कर लिए थे
उधर शिवप्रकाश याने कचरु साहू का अंतिम संस्कार गांव के ही स्कूल के पीछे छोटी पहाड़ी पर किया गया। कचरु साहू के अंतिम संस्कार को लेकर भी सवाल उठ रहे है कचरु साहू के अंतिम संस्कार में उनके परिवार के किसी बड़े सदस्यों को शामिल नहीं होने देने पर भी सवालिया निशान लग रहे, कचरु साहू के अंतिम संस्कार में मात्र उसके आठ साल के बेटे को शामिल किया गया, इसके अलावा पुलिस के अधिकारी सुरक्षाबल के जवान गांव का कोटवार बस अंतिम संस्कार में शामिल थे…., ऐसे में कांग्रेस पुलिस की कचरु साहू के आत्महत्या ठहराने वाले मसले को पचा नही पाई रही है….कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कचरु साहू के शरीर में चोट के निशान थे,….कांग्रेस कचरु साहू की हत्या की आशंका जाहिर कर फिर से पोस्टमार्टम करने की मांग उठा रही है कचरु साहू के परिवार वाले भी यही मांग दोहरा रहे है
फांसी पर लटके मिले शिवप्रकाश याने कचरु साहू के 5 बच्चे हैं। जिनमें 4 लड़कियां और 1 लड़का है। सबसे बड़ी बेटी 14 साल की और सबसे छोटी बेटी 3 साल की है। रघुनाथ साहू की हत्या के आरोप में पुलिस ने शिवप्रकाश की पत्नी और उसके सभी रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया था ….पिता की मौत और मां की गैर मौजूदगी में शिवप्रकाश की बड़ी बेटी लालेश्वरी अपने भाई-बहन का ख्याल रख रही है। ….इनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। इसी बीच कचरु साहू के घर पहुंचे पीसीसी चीफ दीपक बैज
पुलिस और परिजनों के अनुसार शिवप्रकाश और रघुनाथ साहू के बीच सालों पुरानी दुश्मनी थी। 2020 में रघुनाथ पर शिवप्रकाश याने कचरु साहू की पत्नी के आरोपों पर 3 महीने जेल की सजा भी हुई थी। जेल से लौटने के बाद फिर दोनों के बीच बड़ा विवाद हुआ और दोनों के बीच हाथापाई भी हुई थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई की थी। इसके अलावा गांव में जमीन का विवाद भी चल रहा था। जेल से रिहा होने के बाद रघुनाथ साहू गांव का उप सरपंच बना और उसकी मां गांव की सरपंच बनी। रघुनाथ जहां बीजेपी सपोर्टर था वहीं शिवप्रकाश के लिंक कांग्रेस से थे।……ऐसी चर्चा है कि पिछली सरकार में बड़े पद में बैठे नेताओं से शिवप्रकाश का कनेक्शन था। बीजेपी समर्थित उपसरपंच रघुनाथ साहू का गांव वालों ने उनके परिवार का 2 साल पहले बहिष्कार कर दिया था। परिवार के किसी भी सदस्य से गांव वाले बातचीत नहीं करते थे। इसकी वजह छेड़खानी वाले केस को बताया जा रहा है, हालांकि कुछ लोग गांव में शराबबंदी कराने की वजह से उन्हें बहिष्कृत करना बता रहे है 2 माह पहले ही रघुनाथ ने खुद पहल की और फिर 2 लाख रुपए का अर्थदंड भरकर पूरे गांव को भोज कराया और फिर गांव वाले बहिष्कार वापस लेने को तैयार हुए।
दोनों ही मृतकों का कनेक्शन राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं से था। इसलिए पुलिस पूरे मामले में जांच पॉलिटिकल एंगल के साथ भी कर रही है । तत्कालिन एसपी अभिषेक पल्लव की माने को गांव वाले बड़े डिब्बे में पेट्रोल लेकर आग लगाने आए थे। इसके अलावा पुलिस के पहुंचने पर बांस का बाड़ा तैयार कर लिया गया था यानी पुलिस की थ्योरी पर यकीन करे तो सोची समझी रणनीति के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया था। इसलिए अब आरोपियों की कॉल डिटेल निकालकर इसका पॉलिटिकल एंगल भी पुलिस तलाश रही है।
BJP नेता रघुनाथ साहू हत्याकांड के आरोपी प्रशांत साहू के शव का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशांत की मां चीख-चीख कर रो रही थीं। मां रो रो के पुलिस-प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही थी उनके साथ भी मारपीट की पैरों पर पड़े निशान भी उन्होंने दिखाए।
बुधवार देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद कवर्धा जिला अस्पताल से मृतक प्रशांत साहू का शव गृह गांव रवाना कर दिया गया था। वहीं अंतिम संस्कार में PCC चीफ दीपक बैज, पूर्व CM भूपेश बघेल सहित कांग्रेस विधायक मौजूद थे। सीएम साय भी परिजनों से फोन में बातचीत कर सांत्वना देते हुए 10 लाख रु की आर्थिक सहायता की बात कहते हुए दिखे
मामला गरमाता देख बुधवार देर रात को ही ASP विकास कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। बाद उसके घटना के पांच दिन बाद भारी विरोध को देखते हुए पूरे रेंगाखार थाने को निलंबति कर दिया गया और देर रात जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया, गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, CM के निर्देश के बाद कार्रवाई की गई है उन्होने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकाल में भूपेश बघेल और मोहम्मद अकबर ने मुझे जेल में डाला था, तो मुलाहिजा कराना चाहिए था। वो प्रक्रिया है, जिसका पालन हमने किया है। पोस्टमॉर्टम के बाद साफ हो पाएगा। बिसरा रिपोर्ट फोरेंसिक के लिए भेजी गई है।परिजनों से मेल मुलाकात करने के बाद उन्होंने मामले में भूपेश बघेल को जमकर घेरा
इधर पुलिस 27 साल के प्रशांत साहू की मौत का कारण तबीयत बिगड़ना बता रही है। वहीं आरोपी के भाई दीपक साहू ने पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है। दीपक साहू ने कहा कि, वह जेल गया था उनसे मिलने के लिए। जांच पड़ताल की तो बताया गया कि उन्हें बेदर्दी से मौत दी गई है। दीपक ने कहा कि, उनकी उंगलियां तोड़ दी गईं, चीर दी गईं। जांघ में सूजन हो गई, गले में पट्टे के निशान हैं। इतनी बेरहमी से मेरे भाई को मारा है। ऐसा किसी और के साथ न हो, इसलिए समाज के लोगों से अपील है कि वे साथ आएं और मुझे, मेरे भाई को जल्द से जल्द न्याय दिलाएं।
पुलिस इस आरोप को बेबुनियाद बता रही है कवर्धा तत्कालिन SP अभिषेक पल्लव के अनुसार आरोपी को मिर्गी के दौरे आते थे। वह पहले से बीमारी से जूझ रहा था। मंगलवार को तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर गए थे। इसके बाद जेल लाया गया। वहीं ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर फिर अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। हालांकि मृतक प्रशांत साहू की मां उसे किसी भी तरह की बीमारी से इंकार कर चुकी है, इधर प्रशांत का रो रो कर बुरा हाल है वे भी पुलिस उपर पीट पीट कर हत्या करने का गंभीर आरोप लगा रहे है
खैर कांग्रेस नेता कचरु साहू के फांसी में लटकती हुई लाश मिली थी जिसे पुलिस ने आत्महत्या बता बिना परिजनो के अंतिम संस्कार कर दिया, जिसपे लोग सवाल उठा रहे है कि आखिर पुलिस को इतनी जल्दी क्या आन पड़ी थी, बाद इसके कचरु साहू के हत्या की आशंका जताते हुए उनके परिजनो ने उसके चित परिचित दुश्मन रघुनाथ साहू के घर धावा बोल दिया घर को आग लगा दी जिसमें रघुनाथ साहू की मौत हो गई,पुलिस मोर्चे पर पहुंची उन्हें गांव वालों का विरोध का सामना करना पड़ा पुलिस पर पथराव हुए बाद इसके पुलिस उग्र रुप में आ गई और आंव देखा न तांव डंडे बरसाने शुरु कर दिए जिसके वीडियो सोशल मीडिया में तैर रहे है, पुलिस ने मामले में कई लोगो को गिरफ्तार किया, इसके बाद यह आरोप लगने लगा कि पुलिस खाकी वर्दी का बेजा इस्तेमाल कर अपनी कस्टडी में लोगो की बेदम पिटाई की…. जिसमें महिलाओं तक को नहीं छोड़ा गया, पुलिस उपर आरोप है कि ऐसी ही पिटाई से आरोपी प्रशांत साहू की दर्दनाक मौत हुई है, …..भूपेश बघेल के लोहारीडीह गांव पहुंचने और मृत प्रशांत साहू की मां से बातचीत के दौरान बेदम पिटाई की बात निकल कर सामने आई जिसमें उसकी मां रो रो के थाने में नंगा करके पिटाई की बात कह रही है प्रशांत साहू का भाई भी पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए कहते दिखे की पुलिसिया पिटाई से कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है उन्हें जल्द से जल्द इलाज उपलब्ध कराया जाऐ नहीं तो और बड़े तादात पे अनहोनी हो सकती है, प्रशांत साहू की मां का रो रो कर अपना दर्द बताने का वीडियो और भाई की बात सामने आने के बाद माहौल और गर्म हो गया मौके की नजाकत तो देखते हुए कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान कर दिया
घटना को लेकर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद का मिला जुला असर देखने को मिला चेंबर ऑफ कामर्स ने इस बंद को समर्थन देने से मना कर दिया वहीं साहू समाज भी इससे कन्नी काट लिए, बावजूद इसके कांग्रेस लाव लश्कर के साथ पूरे छत्तीसगढ़ में बंद कराने सड़को पर उतरते हुए दिखें बंद को सफल बताने से नहीं चुके
लोहारीडीह मामले में मृतक शिव प्रसाद साहू की लाश को फिर से निकाल कर पोस्टमार्टम की मांग कांग्रेस करते आ रही है उनकी इस मांग पर कचरु साहू के परिजनों ने भी अपनी सहमती जता दी है, इस बीच भूपेश बघेल ने फिर एक दावं खेला उन्होंने मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जगह ज्यूडिशियल जांच की मांग कर दी साथ ही साथ मृतको के परिजनों को 50 -50 लाख मुआवजा दिए जाने, एसपी समेत दोषी पुलिस वालों पर हत्या का मुक़दमा दर्ज करने सहित कई मांगे सरकार के सामने रख दी, फिलहाल कांग्रेस इस मुद्दे को इतनी आसानी से छोड़ने वाली नहीं
आईए जानते है घटना में सिलसिलेवार क्या क्या हुआ को बात करे 15 सितंबर की तो शिवप्रकाश साहू याने कचरु साहू की पेड़ पर लटकती लाश लोहारीडीह गांव से 10 KM दूर MP सीमा क्षेत्र में मिली बता दे कि शिवप्रकाश साहू शनिवार याने 15 सितंबर की दोपहर 2 बजे से लापता था, गांव के ही उपसरपंच रघुनाथ साहू से शिवप्रकाश साहू का सालों पुराना विवाद चल रहा था। कुछ दिन पहले भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। कचरु साहू के लाश मिलने पर शिवप्रकाश के परिजनों ने रघुनाथ साहू पर हत्या का शक जताया और मारपीट कर घर में आग लगा दी। इसमें रघुनाथ साहू जिंदा जल गया। लोहारीडीह गांव में पुलिस को घुसने नहीं दिया गया, पथराव भी हुआ इसमें SP समेत कुछ पुलिसकर्मियों को चोट भी आई इसी दिन याने 15 सितंबर को देर शाम फिर पुलिस पहुंची और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। घटना के दुसरे दिन याने 16 सितंबर
गिरफ्तारी का दौर सुबह भी चलता रहा। 60 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें प्रशांत साहू और उसका पूरा परिवार भी शामिल था।इसी दिन का पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज का वीडियो भी सामने आया है 16 सितंबर को ही शिवप्रकाश साहू का गांव में ही अंतिम संस्कार हुआ और इसी दिन ही रघुनाथ साहू का पोस्टमॉर्टम हुआ
घटना के तीसरे दिन याने 17 सितंबर को पूर्व सीएम भूपेश बघेल ग्राम लोहारीडीह पहुंचे, ग्रामीणों से बातचीत की। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पहुंचने के बाद मामला गरमाने लगा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हुआ । घटना के चौथे दिन याने 18 सितंबर को हिरासत में लिए गए युवक प्रशांत साहू की मौत हो गई जिसमें पुलिस की पिटाई से मौत की बात सामने आई। प्रशांत के दो भाई और मां भी पुलिस हिरासत में थी। मामले की नजाकत और लोगो के गुस्से को देखते हुए इसी दिन देर रात बंदी से मारपीट के आरोप में देर शाम IPS ASP विकास कुमार को सस्पेंड किया गया। घटना के पांचवे दिन याने 19 सितंबर के प्रशांत साहू का अंतिम संस्कार किया गया,भूपेश बघेल, दीपक बैज समेत कई नेता इस अंतिम संस्कार में शामिल हुए अंतिम संस्कार के बाद प्रशांत साहू की मां ने रोते-बिलखते बताई आपबीती ।प्रशांत के भाई दीपक ने कहा कि, मेरे भाई को बेरहमी से मार दिया गया, इधर मामले में कांग्रेस 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान कर चुकी थी ठीक उससे पहले याने 20 सितंबर को सरकार ने देर रात जिले के कलेक्टर और एसी को हटा दिया, बावजूद इसके कांग्रेस के साथ साथ साहू समाज के लोग गृहमंत्री डिप्टी सीएम और कवर्धा के स्थानीय विधायक विजय शर्मा की इस्तीफे की मांग कर प्रदर्शन करने लगे
शांत प्रदेश माने जाने वाले छत्तीसगढ़ और उसका कर्वधा के फिजा में पिछले कुछ सालों से अंशाति ने मानो अपना परमानेंट एड्रेस बना लिया हो. झंडा विवाद को लोग अभी तक नहीं भूले है और अब इसी इलाके में हुए तीन तीन मौत को भी नहीं भुला पा रहे है, झंड़ा विवाद से सुर्खियों में आए सूबे के वर्तमान के विधायक विजय शर्मा प्रदेश के गृहमंत्री और डिप्टी सीएम की भूमिका निभा रहे है कांग्रेस और साहू समाज जिस तरह से गुस्सें में दिख रहा है तो ऐसा माना जा सकता है कि उनकी भी परेशानियां आने वाले समय में कम नहीं होने वाली, दोनो मुख्य पार्टियां अपना राजनीतिक धर्म अपनाते हुए पीड़ित परिवारों का ढ़ाढस बंधाने में लगी हुई है जिनके परिवार के सदस्य चले गए उनके दुखों का बया नहीं किया जा सकता पर इतना जरुर कहा जा सकता है मामले को लेकर प्रदेश में अभी बहुत कुछ होना बाकि है