छत्तीसगढ़ में सांप काटने पर काटे हुए जगह की चमड़ी नमक लगा के करनी होगी जमा, तब मिलेगा मुआवजा

राजनांदगांव : सांप के काटने पर जांच उपरांत पीड़ित परिवारों को मिलने वाले मुआवजे के तरीके में अब बदलाव कर दिया गया है। मुआवजे की अर्जी लगाने वालों के लिए रीजनल फॉरेंसिक लैब द्वारा अब एक नया निर्देश जारी किया गया है। जिसके तहत सर्पदंश के मामलों में जांच के लिए सैंपल जमा करने के तरीके में बदलाव कर दिया गया है। अब सर्पदंश के मामलों में विवेचकों को पीड़ित या मृतक के शरीर के जिस हिस्से में सांप ने काटा होगा, उस हिस्से की चमड़ी को काटकर नमक में लपेटकर लैब में जमा करना होगा। ऐसा करने पर ही यह तय होगा कि पीड़ित को मुआजवा दिया जाएगा या नहीं।
बीते दिनों रीजनल फॉरेंसिक लैब के इंचार्ज ने दुर्ग एवं राजनांदगांव संभाग के आईजी एवं एसपी को एक पत्र जारी किया है। जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि जिस तरीके से सर्पदंश के मामलों में सैंपल जमा हो रहे हैं, उससे जांच किए जाने पर सटीक रिपोर्ट नहीं आ रही है।
सदन में उठा था बिलासपुर जिले का सर्पदंश का मामला
सर्पदंश से होने वाली मौतों पर मुआवजे के नाम पर अधिकारियों ने करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया. सदन में भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला द्वारा लगाए गए आरोप पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जांच की घोषणा की,विधायक सुशांत शुक्ला ने विभाग की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर कहा कि सर्पलोक कहे जाने वाले जशपुर में 96 लोगों की सर्पदंश से मौत हुई, जबकि बिलासपुर में 431 लोगों की मौत हो जाती है, जो संभव नहीं. मुआवजे में करोड़ों की गड़बड़ी हुई है, फर्जीवाड़ा किया गया है.
देखे सदन की कार्रवाई
विधानसभा अध्यक्ष ने आसंदी से कहा कि सांप फर्जी था कि आदमी फर्जी था. मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पहली बार ये जानकारी में आया है. ऐसा है तो विधायक जानकारी दें, इसकी जांच कराई जाएगी.
सुशांत शुक्ला ने कहा कि पहले जांच हुई है क्या? जबकि पहले भी शिकायत हुई है. राजस्व और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला हुआ है. इसकी सचिव स्तर के अधिकारी से जांच करायेंगे क्या? मंत्री वर्मा ने कहा कि मुझे शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई दोनों होगी. इसके साथ मंत्री ने सदन में घोषणा कि बिलासपुर में सर्पदंश से 431 मौत की जांच कराई जाएगी.