चावल उत्सव : इन लाखों परिवारों को नहीं मिलेगा फायदा, बीपीएल परिवारों की बढ़ेगी परेशानी !

छत्तीसगढ़ सरकार 1 से 7 जून तक चावल उत्सव कार्यक्रम मनाने जा रही है ।इसको लेकर तैयारिया भी पूरी हो गई है ऐसा बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत इस दौरान 81 लाख से अधिक राशनकार्ड धारक परिवारों को 3 महीने का राशन एक मुश्त दिया जाएगा। यानि जून, जुलाई और अगस्त महीने का चावल एक साथ बांटा जाएगा। चावल उत्सव को लेकर प्रदेश की 13,928 उचित मूल्य दुकानों को चावल का आबंटन जारी कर दिया है। सभी दुकानों में चावल का भंडारण काम तेजी से जारी है। ताकि वितरण में किसी प्रकार की रुकावट ना आए।
देखे वीडियों
सरकार की मंशा है कि मानसून के दौरान ऐसी दुकाने जो बारिश के दौरान पहुंच विहीन हो जाती हैं। ऐसे में लोगो को राशन वितरण करने में दिक्कत आती है तो उन्हें जून माह में ही यानी बारिश के पहले तीन माह का राशन एक साथ दे दिया जाऐगा ।
विपक्ष इस मुद्दे में भी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रह है विपक्ष का आरोप है कि एक साथ 3 महीने के चावल वितरण से कालाबाजारी होगी इससे दलालों को खुली छूट दी गई है और गरीबों के राशन की लूट होगी। सरकार के पास भंडारण रखने की क्षमता नहीं है तो गरीबो को थोपा जा रहा है, सभी पीडीएस दुकान सड़क पहुंच मार्ग पर हैं आखिर शक्कर और नमक के लिए दुकान तो जाना पड़ेगा, कांग्रेस का आरोप है कि ये सरकार की घटिया नीति है। इससे हितग्राहियों को कोई लाभ नहीं होगा। यह सीधा गरीबों का दोहन है।
पीडीएस दुकान संचालक भी असमंजस में हैं उनका कहना है कि, एक साथ चावल को वितरण करने में कई तरह कि दिक्कत होगी। इसके लिए 6 बार थम्ब लगाने में समय बर्बाद होगा कई बार लिंक फेल हो जाता है ऐसे में यह परेशानी और बढेगी साथ ही भंडारण के लिए उनके पास जगह नहीं है। यहां हितग्राहियों को होने वाली परेशानियां भी बढ़ने वाली है क्योंकि जिन्हे पहले 35 किलो चावल मिलता था उन्हें अब 105 किलो चावल एक साथ मिलेगा तो उसें वे अपने घर तक ले जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा
बीपीएल को ही लाभ, एपीएल दायरे से बाहर
चावल उत्सव के दौरान एक मुस्त तीन किलो चावल मात्र बीपीएल कार्ड धारकों को ही दिया जाऐगा, एपीएल के लिए फिलहाल इस तरह की कोई योजना नहीं है एपीएल कार्ड धारकों को पहले की तरह ही राशन का वितरण किया जाऐगा, बीपीएल कार्ड धारकों को भी सिर्फ चावल ही तीन महिने का एक मुस्त दिया जाऐगा, बाकि राशन समान के लिए उन्हें पहले की तरह राशन दुकानों में आना पड़ेगा, दुसरी ओर अधिकांश बीपीएल परिवारों के घरों में भंडारण की सुविधा उतनी नहीं रहती, ऐसे में यह भी सवाल उठने लगे है कि तीन माह का चावल वह भी बारिश में संभाल कर सुरक्षित कैसे घरों में रखेंगे
बड़ी मात्रा में शासकीय चावल की हो सकती है कालाबाजारी
फिलहाल बाजारों में चावल की बम्फर आवक होगी। चावल बाजार में घूमकर सीधा राइस मिल तक पहुंच जाते हैं इसके लिए विशेष निगरानी और जांच की आवश्यकता भी होगी, जिससे शासकीय चावल की कालाबाजारी रोकी जा सके,हालाकि खाद्य विभाग मामले को लेकर चौकस है और स्पष्ट निर्देश जारी किए गए है कि किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और गड़बडी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाऐगी ।