छत्तीसगढ़

शहीद महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में घोटाला ! , कुलपित को हटाने की मांग

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में पिछले कुछ सालों में सिलसिले वार कई बार भर्ती प्रक्रिया निरस्त की गई है और उसमें कई त्रुटियां भी पाई गई थी। इस बार शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में 59 शैक्षणिक पदों में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था।

आयु सीमा आवेदकों के लिए बनी बाधा
इस विज्ञापन में गलती ये थी की इसमें आयु सीमा आवेदकों के लिए 40 व राज्य के बाहर के लोगों के लिए 35 साल निर्धारित की गई लेकिन बाद में आवेदनों को यह कहते हुए स्वीकार कर लिया गया, कि यूजीसी की नियमों में आयु का बंधन नहीं है। इतना ही नहीं पहले चरण में नियुक्ति पत्र जल्दबाजी में जारी कर दिए गए और अब आवेदक खुलकर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।

राष्ट्रपति , सुप्रीम कोर्ट व बिलासपुर हाई कोर्ट में शिकायत
भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से भर्ती करने और पूरी प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। घोटाले की जांच की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, सुप्रीम कोर्ट व बिलासपुर हाई कोर्ट से की है। शिकायतकर्ताओं ने घोटाले के संबंध में दस्तावेज भी पेश किया है।

59 पदों पर भर्ती के लिए निकला था विज्ञापन
विश्वविद्यालय UGC के नॉर्म्स फॉलो कर 59 पदों पर भर्ती के लिए 2023 में विज्ञापन जारी किया था, लेकिन इस विज्ञापन में राज्य के भीतर के लोगों के लिए 40 जबकि बाहर के लोगों के लिए 35 साल निर्धारित की गई थी। अधिकतम आयु सीमा के निर्धारण के विज्ञापन में बिना त्रुटि सुधार के ही बाद में आयु सीमा की बाधा को छोड़ दिया गया और आवेदनों में अधिक आयु वर्ग के आवेदकों के आवेदन स्वीकार कर लिए गए।

इंटरव्यू लेने वाले संबंधित विषय के विशेषज्ञ शामिल नहीं
बहुत से आवेदक विज्ञापन में आयु सीमा का निर्धारण करने की वजह से भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर हो गए। इतना ही नहीं इंटरव्यू में बुलाए गए पैनल में विषय विशेषज्ञों को लेकर भी अब आवेदक आपत्ति दर्ज कर रहे हैं। आवेदकों का कहना है कि जिन लोगों को विषय विशेषज्ञ बनाया गया था, वह संबंधित विषय के विशेषज्ञ ही नहीं थे ।

वेबसाइट पर नहीं प्रदर्शित किए गए नतीजे
कई आवेदक यह भी आरोप लगा रहे हैं कि जिस तरह विश्वविद्यालय प्रबंधन नियमों के विपरीत जाकर बिना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नतीजा प्रदर्शित किए चयनित उम्मीदवारों को जॉइनिंग दे रहा है, वह भी विश्वविद्यालय प्रबंधन की नीयत पर सवाल उठता है।

इधर विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि उन्होंने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है। दरअसल अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट और इंटरव्यू के नंबरों में इतना ज्यादा अंतर है कि इंटरव्यू के जरिए किसी भी अभ्यर्थी को चयन करने के लिए इंटरव्यू टीम को पर्याप्त अवसर मिलता है।

ख़बर को शेयर करें

news36Desk

news36 Desk में अनुभवी पत्रकारों और विषय विशेषज्ञों की पूरी एक टीम है जो देश दुनिया की हर खबर पर पैनी नजर बनाए रखते है जो आपके लिए लेकर आते है नवीनतम समाचार और शोधपरक लेख

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button