बिलासपुर में पूर्ववर्ती पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नेताओं ने की 54 लाख रु का राशन घोटाला

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शासकीय राशन दुकानों में चावल, शक्कर और नमक के स्टाक में हेराफेरी का मामला सामने आया है मामले में लगभग 54.28 लाख रुपये की हेराफेरी का पता चला है है। इस गड़बड़ी में शामिल NSUI के पूर्व जिलाध्यक्ष अमितेश राय, पार्षद पति जुगल किशोर गोयल सहित 16 लोगों को खाद्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। ये सभी राशन दुकानों की संचालक समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या विक्रेता हैं। खाद्यान्न की वसूली न होने पर खाद्य नियंत्रक ने FIR दर्ज करने की चेतावनी दी है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में गड़बड़ी
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में इन राशन दुकानों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। इसमें कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों की संलिप्तता सामने आई है। गबन के कारण कई दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, और अब रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
खैर माता दुकान में 12 लाख की अनियमितता
वार्ड 42 में खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण सहकारी समिति का संचालन अमितेश राय (अरपा विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अभय नारायण राय के बेटे) कर रहे थे। यहां जांच में नमक, शक्कर और चावल कम मिले। स्टाक कम पाए जाने के बाद इस दुकान को निलंबित कर दूसरी में अटैच कर दिया तो और बड़ा खुलासा हुआ। यहां 285.48 क्विंटल चावल की कमी का भी पता चला। इसकी कीमत लगभग 11.98 लाख रुपये है। अमितेश राय, सचिव रामकुमार कश्यप और विक्रेता को 7 मई और 23 मई को नोटिस जारी कर गबन की राशि जमा करने को कहा गया।
जय माता दी दुकान में 8 लाख का गबन
वार्ड 38 टिकरापारा की जय मातादी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में 9 मार्च 2022 को जांच में 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर की कमी पाई गई, जिसकी कीमत 8.05 लाख रुपये है। दुकान निलंबित होने के बाद अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को 7 मई को नोटिस जारी हुआ।
मां अन्नपूर्णा दुकान में अनियमितता
नेहरू नगर की मां अन्नपूर्णा शासकीय उचित मूल्य दुकान में 182.32 क्विंटल चावल और 1.18 क्विंटल नमक कम मिला, जिसकी कीमत 7.66 लाख रुपये है। अध्यक्ष गीतांजली यादव, सचिव कमल रजक और विक्रेता रविंद्र यादव को नोटिस जारी कर खाद्यान्न की पूर्ति करने को कहा गया है।
गबन की राशि जमा करने की चेतावनी
खाद्य विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी आरोपियों को गबन की राशि जमा करने या खाद्यान्न लौटाने का अल्टिमेटम दिया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस घोटाले ने स्थानीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया है, और गरीबों के हक पर डाका डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।