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‘मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी’ द्वारा न्यायधानी में छत्तीसगढ़ के पुरखों को किया गया याद, डिप्टी सीएम साव और केंद्रीय मंत्री तोखन साहू हुए शामिल

राजधानी रायपुर में लक्ष्मण मस्तूरिया को सुमिरन के बाद बिलासपुर में भी मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी टीम द्वारा पुरखा के सुरता कार्यक्रम किया गया जिसके तहत महान छत्तीसगढ़ी साहित्यकार पालेश्वर शर्मा और भरथरी के जरिए छत्तीसगढ़ी को दुनियाभर में फैलाने वाले सुरुज बाई खांडे को याद किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यगीत से हुआ वही समापन भरथरी गीत से हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव , बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव , कई बड़े हस्ती समेत करीब 200 लोग शामिल हुए और सभी ने एक सुर में छत्तीसगढ़ी भाषा , संस्कृति के लिए कार्य करके पुरखा पालेश्वर शर्मा और सूरज बाई खांडे के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया।

केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने छत्तीसगढ़ी को बहुत सुंदर भाषा बताया वही उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छत्तीसगढ़ियों को छत्तीसगढ़ी के प्रति हीन भावना से बाहर निकलने का अपील किया । बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि सिंधी, पंजाबी, मराठी अपने अपने भाषा में बात करते है तो हमे भी अपनी मातृभाषा में बात जरूर करनी चाहिए । छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए 35 साल से लड़ रहे वयोवृद्ध नंदकिशोर शुक्ल ने भरे मंच में उप मुख्यमंत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री को केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का मार्मिक गुहार लगाया ताकि अन्य राज्य की तरह छत्तीसगढ़ में बढ़ती क्षेत्रवाद का पटाक्षेप हो साके ।

कार्यक्रम का समापन सुरुज बाई खांडे के बेटी और बेटा ने भरथरी गाकर किया और बता दिया कि भरथरी अभी मरा नहीं , जिंदा है और बुलंदियों की ओर जाएगा।

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