Video : जयसिंह अग्रवाल ने कुछ गलत नहीं कहा, मेरा हुआ है अपमान, कलेक्टर का व्यवहार ठीक नहीं : ननकी राम कंवर

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका 12 जुलाई को कोरबा जिले के प्रवास पर थे. वह एनटीपीसी के कावेरी रेस्ट हाउस में ठहरे थे. इस दौरान भाजपा शासन काल में प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी लीडर नानकीराम कंवर ने उन्हें ज्ञापन पत्र सौंपा. इस दौरान राज्यपाल बैठे हुए थे. उनके ठीक बगल में जिले के कलेक्टर अजीत वसंत बैठे थे और ननकी राम खड़े थे. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई, लोगों ने तरह-तरह से टिप्पणी की. इसे शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी बताया गया.इसे लेकर वरिष्ठ बीजेपी नेता ननकीराम कंवर का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कलेक्टर के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कांग्रेसी नेता का पक्ष लेते कहा कि जयसिंह अग्रवाल ने कुछ गलत नहीं कहा….देखे वीडियों
दरअसल राज्यपाल के बगल में कलेक्टर का बैठना और ननकी राम का खड़ा रहना चर्चा का विषय बन गया. कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री रहे जय सिंह अग्रवाल ने फेसबुक के अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस तस्वीर को पोस्ट किया और लिखा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है. इसके बाद कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने जय सिंह अग्रवाल को संबोधित करते हुए तल्ख लहजे में एक नोटिस जारी किया. जिसमें इस मामले को गलत तरह से पेश करने की बात कहते हुए सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट करने की बात कहते हुए इसे दंडनीय अपराधना बताया. जय सिंह के इस बयान का ननकी राम ने भी समर्थन किया और कलेक्टर का राज्यपाल के बगल में बैठे रहने को अनुचित बताया.
फोटो पर जयसिंह की टिप्पणी
राज्यपाल रमेन डेका एनटीपीसी कावेरी गेस्ट हाउस में रुके हुए थे. तब कई भाजपा नेताओं और तमाम लोगों ने उनके साथ तस्वीर खिंचवाई थी. इस दौरान प्रशासन की पूरी टीम मौजूद थी. इसी दरमियान ननकीराम कंवर उनसे भेंट करने पहुंचे. जिले से जुड़े मुद्दों को लेकर ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. जब ननकी नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंप रहे थे तब वह राज्यपाल के समक्ष खड़े थे और राज्यपाल के ठीक बगल में जिले के कलेक्टर अजीत वसंत बैठे हुए थे. उस वक्त की तस्वीर किसी ने खींच ली. अगले ही दिन वो तस्वीर तेजी से वायरल हो गई. वायरल तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई. किसी ने इस प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया तो किसी ने इसे आदिवासी नेता का अपमान. किसी ने कहा कि वरिष्ठ आदिवासी लीडर के समक्ष बैठने के बजाय अधिकारियों को कम से कम खड़ा रहना चाहिए.

तस्वीर पर गरमाई सियासत
जय सिंह अग्रवाल ने किया सोशल मीडिया पर पोस्ट: इस तस्वीर के मीडिया में प्रसारित होने के बाद पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट किया. जिसमें लिखा कि “छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर खड़े हैं. जबकि महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के साथ कलेक्टर अजीत बसंत बैठे हुए हैं. पूर्व राजस्व मंत्री ने कहा कि यह जानकर और सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई.
कलेक्टर ने जारी किया पूर्व मंत्री को नोटिस
इस पोस्ट के बाद कलेक्टर अजीत वसंत ने एक नोटिस जारी किया. जिसे उन्होंने जनसंपर्क विभाग के माध्यम से मीडिया को भी प्रेषित किया. नोटिस में जय सिंह अग्रवाल को संबोधित करते हुए यह उल्लेख किया गया कि जब ननकीराम कंवर राज्यपाल से मिलने आए थे. तब मेरे द्वारा उनका अभिवादन किया गया था. यह तस्वीर तब ली गई, जब वह कुछ समय के लिए खड़े हुए थे. उक्त तस्वीर को दुर्भावनापूर्वक तरीके से प्रसारित किया गया है. आपका कृत्य सामाजिक वर्गों के बीच विद्वेष फैलाने वाला मंशा रखता है, साथ ही शासन तथा प्रशासन की छवि धूमिल कर आम नागरिकों के मन में असंतोष की भावना को जन्म देने हेतु लक्षित है. अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि पोस्ट को तत्काल डिलीट करें, ऐसा न करने की दशा में आम नागरिकों के मन में शासन तथा प्रशासन का प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न करेंगे जो भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है.

पूर्व मंत्री ने कहा डिलीट नहीं करेंगे पोस्ट
मंगलवार का नोटिस जारी होने के बाद बुधवार को पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने प्रेस वार्ता आयोजित की. पूर्व मंत्री ने कहा कि कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं. मैं उनका चपरासी या कोई मातहत अधिकारी नहीं हूं. वह मुझे निर्देशित नहीं कर सकते हैं कि मैं पोस्ट डिलीट करूं. यदि उन्होंने मुझसे निवेदन किया होता तब बात कुछ और होती, लेकिन अब यह पोस्ट डिलीट नहीं होगी. कलेक्टर को इस दिशा में जांच करवानी चाहिए कि वह फोटो किसने खींची और किसने वायरल की. मैंने जो आदिवासी की पीड़ा देखी उसे ही बयां किया है. ननकीराम कंवर सीनियर नेता और मंत्री रहे हैं. अभिवाजित मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता रहे हैं. ऐसे नेता का अपमान बिल्कुल गलत है. अब मैं आगे उसका विधिवत रूप से जवाब दूंगा.
