कांग्रेस की आर्थिक नाकाबंदी, चेंबर, संभागीय ट्रक मालिक संघ, सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर ने समर्थन देने से किया इंकार

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में ईडी के खिलाफ कांग्रेस आज प्रदेशभर में दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बेज तक आर्थिक नाकाबंदी का ऐलान किया है. लेकिन चेंबर ऑफ कामर्स ने इस चक्काजाम का समर्थन करने से इंकार कर दिया है.
चेंबर ने बंद का समर्थन करने से किया इंकार
कांग्रेस की प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी के बीच छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के महामंत्री अजय भसीन ने वीडियो संदेश में कहा कि चेंबर किसी भी प्रकार की आर्थिक नाकेबंदी या बंद का समर्थन नहीं करता है, क्योंकि चेंबर का मानना है कि इस समय देश की आर्थिक व्यवस्था बड़ी तेजी से विकसित हो रही है, जिसमें किसी भी प्रकार की आर्थिक नाकेबंदी से एक अवरोध पैदा होता है, और एक संशय की स्थिति आती है. और जो रोजमर्रा का व्यापार कर रहे हैं उनके जीवनयापन में भी बुरा प्रभाव डालती है. इसलिए चेंबर ऑफ कामर्स किसी प्रकार की आर्थिक नाकेबंदी या बंद का समर्थन नहीं करता है.
संभागीय ट्रक मालिक संघ एवं कन्फेडरेशन आफ इंडिया ट्रेडर्स का इंकार
सरगुजा संभागीय ट्रक मालिक संघ एवं कन्फेडरेशन आफ इंडिया ट्रेडर्स ने आर्थिक नाके बंदी को समर्थन देने से इंकार किया है। संभागीय ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष रविंद्र तिवारी ने कहा है कि, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि, कांग्रेस पार्टी द्वारा 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय घोषित आर्थिक बंद को सरगुजा संभागीय ट्रक मालिक संघ एवं कनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स का कोई समर्थन नहीं है। व्यापार, एवं परिवहन जैसे आवश्यक सेवाओं का संचालन, आम नागरिकों की जीवन शैली, आर्थिक स्थिरता और दैनिक आवश्यकताओ से सीधा जुड़ा होता है। किसी भी प्रकार का बंद व्यापरियों, ट्रांसपोर्ट, श्रमिकों और आम जनता के हितों के प्रतिकूल होता है।

सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी नहीं दिया समर्थन
इसी तरह छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अंजय शुक्ला ने भी कांग्रेस के आर्थिक नाकेबंदी के समर्थन से इंकार किया है। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन किसी भी आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन नहीं करता। तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था में ऐसे किसी भी नाकेबंदी का विपरीत प्रभाव पड़ता है। सारा कार्य व्यापार ठप्प हो जाता है। ऐसे किसी भी नाकेबंदी की सबसे अधिक मार रोज कमाने खाने वाले श्रमिक वर्गों पर पड़ता है। गाड़ियों के ड्राइवर और परिचालक आदि को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ट्रांसपोर्टर संघ ऐसे किसी भी बंद का समर्थन नहीं करता। छत्तीसगढ़ बल्ककर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और भिलाई ट्रक टैलर एसोसिएशन ने भी बंद के समर्थन से इंकार किया है।