छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

चैतन्य बघेल के करीबी सात कारोबारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की संलिप्तता के आरोप में न्यायिक रिमांड पर 14 दिनों की जेल दाखिल होने के बाद ईडी ने चैतन्य के करीबी सात कारोबारियों को पूछताछ करने नोटिस जारी किया है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें दुर्ग-भिलाई के होटल के साथ सराफा कारोबारी और रेलवे ठेकेदार शामिल हैं।

ब्लैकमनी को सफेद करने की आशंका
ईडी के दावों के अनुसार, चैतन्य बघेल का शराब कारोबारी, ट्रांसपोर्टर लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू बंसल, रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और दीपेंद्र चावड़ा के साथ कनेक्शन मिलने पर कार्रवाई की गई। इन सभी करीबियों की मदद से चैतन्य द्वारा शराब घोटाले की मोटी रकम रियल एस्टेट में निवेश करने ईडी ने आरोप लगाया है। ईडी ने जांच के दायरे में चैतन्य से जुड़े बघेल बिल्डकॉन और बिलासपुर के एक बिल्डर को रखा है। ईडी ने इनमें लक्ष्मी नारायण बंसल सहित कई लोगों के बयानों का हवाला देते हुए पूरी चेन के जरिए करीब एक हजार करोड़ रुपए की ब्लैकमनी को सफेद करने की आशंका व्यक्त की है।

पिछले दिनों विजय के यहां ईडी ने दी थी दबिश
महादेव सट्टा एक के प्रमोटर सौरभ आहूजा की जयपुर में आयोजित शादी पार्टी में दुर्ग के होटल कारोबारी तथा रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल के शामिल होने की जानकारी ईडी को मिली थी। इसके बाद ईडी ने विजय अग्रवाल तथा उनसे जुड़े करीबियों के चार ठिकानों में छापे की कार्रवाई की थी। मनी लांड्रिंग तथा हवाला कारोबार को लेकर ईडी ने विजय तथा उनके करीबियों के ठिकानों में छापे की कार्रवाई की थी।

पूछताछ के लिए बुलाया गया अलग अलग
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जिन सात कारोबारियों को पूछताछ करने नोटिस जारी किया है, उन सभी को ईडी ने अलग-अलग तिथि में पूछताछ करने नोटिस जारी किया है। चैतन्य के जेल दाखिल होने के बाद अब तक दो कारोबारियों के ईडी कार्यालय में बयान दर्ज कराने आने की जानकारी सूत्रों ने दी है। पूछताछ में ईडी के अफसर कारोबारियों के चैतन्य के साथ व्यापारिक रिश्तों की तथा कारोबार में रकम निवेश करने की जानकारी जुटा रहे हैं।

🔴 ED की जांच के अनुसार, चैतन्य बघेल को करीब 16.7 करोड़ रुपये की अवैध कमाई मिली, जिसे उन्होंने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स (जैसे ‘विट्ठल ग्रीन’) में निवेश किया।
🔴 इस घोटाले के तहत शराब के कारोबार से राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान हुआ और 2019-2023 के बीच सरकारी संरक्षण में अवैध वसूली होती रही, जिसमें मुख्य अधिकारी और नेता शामिल थे।
🔴 ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए फर्जी कंपनियाँ (जैसे ‘सहेली ज्वैलर्स’) बनाई गईं और इन कंपनियों के जरिए लोन दिखाकर घोटाले की रकम वैध दिखाई गई।
🔴 18 जुलाई 2025 को उनके जन्मदिन पर भिलाई स्थित उनके निवास पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले 5 दिन की रिमांड पर और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
🔴 ईडी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने विरोध जताया और इसे राजनीतिक कार्रवाई बताया, लेकिन ईडी के मुताबिक गिरफ्तारी सबूतों के आधार पर की गई

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